नई दिल्ली: दिल्ली में पानी एवं बिजली के बिल में वृद्धि के खिलाफ जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी (एएपी) के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने राजधानी के 10,50,000 लोगों के पत्रों को रविवार को स्वीकार कर लिया।
एएपी नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दीक्षित का पत्र स्वीकार करना लोगों की जीत है।
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केजरीवाल ने कहा कि बढ़े हुए शुल्क को कम किए जाने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों पर बिजली एवं पानी का व्यवसायीकरण करने का आरोप लगाया।
जंतर-मंतर पर जुटे लोगों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, “सुबह नौ बजे हमारे सहयोगी दिलीप पांडे को मुख्यमंत्री आवास से फोन आया कि शीला दीक्षित बात करना चाहती हैं। शीला ने कहा कि वह विरोध-पत्र स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। लोगों के दबाव के कारण वे ऐसा करने के लिए मजबूर हुईं। उन्हें लोगों के आगे झुकना पड़ा।”
एएपी के प्रवक्ता अश्वथी मुरलीधरन ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री साढ़े दस लाख लोगों के पत्र को स्वीकार करने के लिए राजी हो गई हैं, इसलिए एएपी कार्यकर्ताओं ने उनके आवास तक कूच करने का अपना कार्यक्रम टाल दिया है।
दोपहर में एएपी कार्यकर्ता मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास अन्य 10 पार्टी सदस्यों के साथ एक बस से विरोध पत्र लेकर जंतर मंतर से मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित दीक्षित के आवास के लिए रवाना हुए और करीब 3 बजे सभी पत्रों को मुख्यमंत्री के कर्मचारी को सौंप दिया।
केजरीवाल ने कहा कि बिजली एवं पानी शुल्क में वृद्धि वापस लिए जाने या कम किए जाने तक पार्टी का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल 10 लाख पत्र मुख्यमंत्री को सौंपने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हम इस मुद्दे पर कार्रवाई चाहते हैं। हमारा प्रदर्शन भाजपा के विजय गोयल के सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए होने वाले विरोध-प्रदर्शन से अलग है। हमने कहा है कि हम इन बिलों का भुगतान नहीं करेंगे और शुल्क वृद्धि वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर सत्तासीन कांग्रेस की सरकारें राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट के मुद्दे का समाधान तलाशने में विफल रही। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री हर साल कहते हैं कि हम देश के हर घर को पानी मुहैया कराएंगे। लेकिन केंद्र सरकार पिछले 65 वर्षो में दिल्ली तक को पानी मुहैया कराने में नाकाम रही तो फिर पूरे देश को वे पानी कहां से मुहैया करा पाएंगे।” उन्होंने सवाल किया, “पिछले 15 वर्षो से शीला दीक्षित सत्ता में हैं। उन्होंने क्यों नहीं इस मुद्दे का समाधान किया?”
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केजरीवाल ने कहा कि पानी टैंकर की अधिकतर कंपनियों के मालिक कांग्रेस या भाजपा के नेता हैं। सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों से हाथ मिला रखा है।
इससे पहले दिल्ली यातायात पुलिस ने जंतर-मंतर के आसपास के क्षेत्र में यात्रा पर प्रतिबंधों में ढील दे दी। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने प्रतिबंध लगा दिया था।
बिजली-पानी के बढ़े बिल को कम करने की मांग को लेकर केजरीवाल ने इस महीने के शुरू में 15 दिनों का उपवास भी किया था।