विपक्ष ने साधा निशाना- आजम ने उप्र की नाक कटवा दी

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azam-khan-630लखनऊ : विपक्ष के निशाने पर आजम खां हैं। नेताओं का कहना है कि आजम खां ने अपने आचरण से उप्र की नाक कटवा दी और साथ ही भारत के दामन पर भी बदनामी का दाग लगवा दिया।

फिर उस्मानी के साथ बदसलूकी क्यों नहीं हुई : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह ने कहा है कि आजम खां का यह कहना है कि अमेरिका में उनके साथ मुसलमान होने की वजह से बदसलूकी की गई है, इस वजह से गले नहीं उतरता कि प्रतिनिधिमंडल में राज्य के मुख्यसचिव जावेद उस्मानी के साथ-साथ खुद आजम खां के निजी सचिव भी मुसलमान हैं लेकिन उन लोगों के साथ बदसलूकी नहीं हुई। अगर अमेरिका में मुसलमान होने की वजह से आजम खां से बदसलूकी हुई तो प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य मुस्लिम अधिकारियों के साथ भी होती। दरअसल आजम खां की जेहनियत हर चीज को धर्म के चश्मे से देखने की है, इसी वजह से उन्हें अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था में हिंदू-मुसलमान दिखने लगा। सच्चाई यह है कि अमेरिका में सुरक्षा के तय मानक हैं, जिसपर सभी को खरा उतरना होता है। उसी का परिणाम है कि वहां एक आतंकी हमले के बाद दोबारा हमला नहीं हुआ जबकि भारत में जब-तब आतंकी विस्फोट होते रहते हैं। बेहतर होता कि आजम खां दूसरे राष्ट्र में वहां की व्यवस्था का सम्मान कर एक बेहतर नागरिक होने का सबूत देते लेकिन ऐसा न करके उन्होंने इस मामले को बेवजह तूल दिया। मुख्यमंत्री भी मुस्लिम वोटों के डर से आजम खां के दबाव में आ गए, जिसकी वजह से बेवजह भारत की छवि दागदार हुई।

एक व्यक्ति के मसले को कौम से न जोड़ा जाए : कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों द्वारा आजम खां की जांच को किसी कौम से जोड़ा जाना उचित न होगा क्योंकि यह पहली बार नहीं हो रहा। आजम खां को कम से कम प्रदेश के मान सम्मान का ध्यान रखना चाहिए था। जिस तरह समारोह का आधा अधूरा बहिष्कार किया गया, उससे सरकार की छवि खराब हुई है। हर मसले में वोट की राजनीति करना उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

बेइज्जती कराने अमेरिका क्यों गए : राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि अमेरिका में सुरक्षा के इस प्रकार की जांच कोई नई बात नहीं है। सब कुछ जानते हुए भी आजम खां वहां गए तो उन्हें जांच होने पर एतराज जताने का नैतिक हक नहीं। आजम बताए कि वह प्रदेश की 21 करोड़ जनता की बेइज्जती कराने क्यों गए? अगर विरोध जताना था तो मुख्य सचिव से भाषण क्यों कराया? कुंभ की व्यवस्था पर झूठी वाहवाही लेने की कोशिश कारगर नहीं हो सकी।