यूपी बोर्ड से हूं इंटर पास, अंग्रेजी नहीं आती

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babusingh kushwahaमायावती सरकार के मंत्री और उच्च सरकारी पदों पर आसीन रहे अफसरों को अंग्रेजी नहीं आती। इस बात का ‘खुलासा’ पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, एमएलसी आरपी जायसवाल, जल निगम सीएंडडीएस शाखा के प्रोजेक्ट मैनेजर रहे बीएन श्रीवास्तव और लखनऊ में नेहरू युवा केंद्र के डिस्ट्रिक कोआर्डिनेटर रहे डीके सिंह ने खुद ही सीबीआई कोर्ट में किया।

यूपी में हुए पांच हजार करोड़ के एनआरएचएम घोटाले में फंसे इन पूर्व मंत्री-अफसर के भाषाई ज्ञान का ‘खुलासा’ उस समय हुआ जब उन्होंने कोर्ट में अर्जी देकर कहा कि हम अंग्रेजी पढ़ना नहीं जानते।

यूपी में परिवार एवं कल्याण विभाग के मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा का कहना था कि वह ग्रामीण वातावरण में पले हैं और मात्र इंटर तक पढ़ाई की है इसलिए वह अंग्रेजी पढ़ना नहीं जानते। दस्तावेजों की नकल हिंदी भाषा में अनुवाद करके दिलाई जाए, ताकि वह अपना बचाव प्रभावी ढंग से कर सकें। मायावती सरकार में ही एमएलसी रहे आरपी जायसवाल, अफसर बीएन श्रीवास्तव और डीके सिंह का कहना था कि उन्होंने शिक्षा हिंदी माध्यम से ग्रहण की है। इसलिए हिंदी भाषा में ही नकल दिलाया जाना आवश्यक है।
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सीबीआई विशेष न्यायाधीश एस. लाल ने अर्जी को इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया कि बाबू सिंह कुशवाहा यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुका है। यह संभव ही नहीं है कि उसे अंग्रेजी न आती हो। हालांकि हाईकोर्ट में जमानत संबंधी और अन्य अर्जियां अंग्रेजी में ही दाखिल की गई हैं। अभियुक्त डीके सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय से ‘मास्टर ऑफ सोशल वर्क’ की डिग्री हासिल की है। बीएन श्रीवास्तव भी प्रोजेक्ट मैनेजर पद पर रहा है।
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कोर्ट का कहना था कि अगर सीबीआई को हिंदी में दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया तो न केवल बहुत अधिक समय लगेगा, बल्कि कई कर्मचारियों को लगाना पडे़गा। अभियुक्तों की मंशा सिर्फ मुकदमा टालने की है।