फर्रुखाबाद: कमबख्त रिश्वत क्या क्या न कराये? कपूर साहब पिछले कई साल से जिस मकान में परिवार सहित रह रहे है रिश्वत के अभाव में परिवार सहित लापता दिखा दिए गए| दवा कम्पनी में बड़े ओहदे पर नौकरी करने वाले अपने मोहल्ले में चर्चित कपूर अब डीएम साहब से गुहार लगा रहे है कि मुझे यही रहता दिखा दो| वैसे तो डीएम साहब का कहना है कि रिश्वत देने के बाद नहीं पहले आओ| अब कपूर साहब डीएम साहब के पास रिश्वत देने से पहले गए है| कपूर साहब सहित आम जनता को अब इन्तजार है डीएम साहब की कार्यवाही का| क्या लेखपाल के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी? क्या बेमतलब के निवास प्रमाण पत्र निरस्त करने वाले दण्डित किये जायेंगे? क्या कपूर साहब को परिवार सहित निवास प्रमाण पत्र जारी हो पायेगा?
सुधीर कपूर पुत्र स्व शिव नारायण निवासी 6A/148 आवास विकास कॉलोनी, यही है इनका पता| इस पते पर सुधीर कपूर, उनकी पत्नी अर्चना कपूर, बेटी ख्याति कपूर और बेटा प्रखर कपूर रहते है| दो साल पहले उन्होंने मकान खरीदा था| ये बात मोहल्ले के सब लोग जानते है| कई साल से कपूर साहब यहाँ रहते है| कई होली और दिवाली के त्यौहार उन्होंने यहीं मनाये है| मोहल्ले में ही रहने वाले इस वार्ड के नगरपालिका सभासद राकेश गंगवार ने भी लिखित प्रमाणित किया कि कपूर फॅमिली उल्लखित मकान में रहती है| इतना ही नहीं कपूर साहब ने खुद अपने, अपनी पत्नी और अपने बच्चो के लिए (मूल निवास प्रमाण पत्र नहीं) सामान्य निवास प्रमाण पत्र की मांग करते हुए 4 अलग अलग हलफनामा सभी की और से लगाये थे कि वे दिए गए पते पर रहते है| मगर फिर भी उनके चारो आवेदन निरस्त कर दिए गए और निरस्त होने का कारण लिखा गया- आवेदक उक्त पते पर नहीं रहते है| आवेदन पर उनका मोबाइल नंबर भी लिखा गया था| एक नजर उनके द्वारा लगाये गए प्रमाण पर- (बाबजूद इसके लेखपाल क्या खास खोदता है? उसका काम है मौके पर जाकर तस्दीक करना, भले ही कोई प्रमाण न लगा हो| सरकार का तो यही नियम है|)
कपूर साहब बताते है कि वे अक्सर अपने काम के सिलसिले में जिले में ही टूर पर रहते है| घर पर कोई व्यक्ति आया था जिसने मेरी पत्नी से पूछताछ की और यह कह कर चला गया कि लेखपाल प्रवेश तोमर के घर पर सुबह मिल लेना और कुछ खर्चा पानी दे आना, तभी जारी हो पाएंगे निवास प्रमाण पत्र| कपूर साहब ने अनसुना कर दिया| सोचा सभी जरुरी प्रपत्र तो मूल रूप से लोकवाणी केंद्र के माध्यम से असल कापी में स्कैन करके तो लगवा दिए थे तो रिश्वत यानि खर्चा पानी क्यूँ दूं| बस यहीं गच्चा खा गए कपूर साहब|
एक सप्ताह बाद जब लोकवाणी केंद्र पर निवास प्रमाण पत्र लेने गए तो लोकवाणी केंद्र ने एस डी एम् सदर द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन निरस्त होने की रसीद थमा दी| जिस पर लिखा था आवेदक उक्त पते पर नहीं रहता| कपूर साहब माथा पकड़ कर रह गए| एक नजर इस पर भी-
इसके बाद कपूर साहब ने अपनी शिकायत बुधवार को डीएम साहब के यहां दी| यहाँ डीएम साहब आम आदमी पार्टी वालो को सलाह दे रहे थे कि रिश्वत देने के बाद नहीं देने से पहले आओ| आम आदमी पार्टी वाले भी लेखपालो के भ्रष्टाचार के कई मामले ले लेकर रिश्वतखोरी रोकने की गुहार करने गए थे| डीएम साहब को सुनकर कपूर साहब को लगता है कि उन्हें अब निवास प्रमाण पत्र मिल जायेगा और लेखपाल को सजा क्योंकि वे तो रिश्वत देने से पहले गए थे|