अब चार नहीं दो माह पहले होगा रेल आरक्षण

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Trainरेलवे में टिकट दलालों पर अंकुश लगाने के लिए अब आरक्षण की अवधि चार माह से कम करके दो माह की जाएगी। रेल मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है। रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने शनिवार को बताया कि आरक्षण अवधि कम करने पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।

पांच साल पहले यह अवधि 60 दिन थी, जिसे जनवरी, 2008 में बढ़ाकर 90 दिन कर दिया गया था और फिर मार्च, 2012 में इसे 120 दिन कर दिया गया था। बंसल ने कहा कि आरक्षण करवाने के लिए चार माह का वक्त काफी ज्यादा हैं। बहुत कम ही ऐसे यात्री हैं, जिनका इतने पहले कार्यक्रम तय होता है।
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यह देखने में आया है कि लंबी दूरी की ट्रेनों में दलाल चार माह पहले टिकटें बुक करा लेते हैं और बाद में इन्हें तीन या चार गुणा ज्यादा दाम पर बेच देते हैं। दलालों पर अंकुश लगाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं और हमें सफलता भी मिली है। इसी कड़ी में रेल आरक्षण की अवधि दो माह करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि रेल बजट में घोषित की गई कई ट्रेनें इस साल के अंत तक शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि पिछले रेल बजट में घोषित कुछ ट्रेनें अभी शुरू नहीं हुई हैं। पहले इन ट्रेनों को शुरू किया जाएगा।

इंतजार
दलालों की वजह से अधिकतर ट्रेनों में सीटें चार महीने पहले ही बुक हो जाती हैं। ऐसे में जिन यात्रियों का यात्रा का कार्यक्रम दो या तीन माह पहले बनता है, उन्हें तत्काल में टिकट लेने के लिए इंतजार करना पड़ता है। बंसल ने कहा कि रेलवे की आरक्षित टिकटों में बढ़ रही कालाबाजारी को रोकने के लिए हाल ही में स्लीपर क्लास में भी यात्रियों के लिए पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य किया गया था।
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इससे कुछ हद तक टिकटों की कालाबाजारी रुकी है। अब रेल आरक्षण की अवधि कम हो जाने से इस पर और लगाम लगेगी।