दिल्ली : राजस्थान सरकार ने खिलाड़ियों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ याजमात-ए-इस्लामी से जुड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार के इस फैसले से खिलाड़ी और प्रशिक्षक हैरान हैं।इस नीति पर अमल करते हुए कई खिलाड़ियों कोसम्मानित किया गया। लेकिन उन्हें पहले इस बात का शपथपत्र भरना पड़ा किउनका आरएसएस या जमाते इस्लामी से कोई संबंध नहीं है। सरकार का कहना है कि अगर कोईखिलाड़ी आरएसएस या जमाते इस्लामी में से किसी भी संगठन से जुड़ा होगा तोसरकार उसे कोई सम्मान नहीं देगी।
राज्य स्तरीयप्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक पाने वाले वेट लिफ्टर विशाल सिंह कोराजस्थान सरकार ने दो लाख रुपए का पुरस्कार देकर सम्मानित किया। लेकिन पहलेविशाल से इसका शपथ पत्र भरवाया गया कि उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वंय सेवकसंघ या जमाते इस्लामी से नहीं है। शपथ पत्र में साफ तौर पर ये शर्त लिखी गईहै। खिलाड़ी सवाल उठा रहे हैं कि जब वे मैदान में उतरे और मेडल जीते तब तोसरकार ने उनसे ये शपथ पत्र नहीं मांगा था कि आप किस संगठन से जुड़े हैं।उधर, राज्य खेल परिषद ने सफाई देते हुए कहा है कि शर्त राज्य सरकार ने लगाईहै। वह तो सिर्फ आदेश का पालन कर रही है।
राजस्थान में सात महीनेबाद विधानसभा चुनाव है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ चुनाव में भाजपा के लिएबड़ी भूमिका निभाता है। भाजपा और संघ को झटका देने के लिए मुख्यमंत्री अशोकगहलोत ने खेल में सियासी दांव खेला है।