डाकू छविराम का बेटा बना दारोगा, पिता के एनकाउंटर टीम के अफसर ने टांके सितारे

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दिल्‍ली: एक अरसे तक चम्बल घाटी में आतंक का पर्याय रहे कुख्यात डाकू छवि राम के बेटे अजय पाल सिंह केकंधो पर उन्‍हीं अधिकारियों ने सितारे सजाए जो उसके पिता छवि राम को मारने वाली टीम में शामिल थे। एक डाकू के बेटे ने अपनीपुरानी ज़िन्दगी को पीछे छोड़ते हुए समाज में अपना मुकाम हासिल किया और कड़ीमेहनत मशक्कत के बाद पुलिस में दारोगा की नौकरी हासिल की है। मेरठ के पुलिसट्रेनिंग स्कूल से आज इस डाकू के बेटे ने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर के यहमुकाम हासिल किया है। मेरठ के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल शुक्रवार को हुई पासिंग आउट परेड में 465 पुलिस कर्मचारियों को पास आउट करके दारोगा बना दिया गया।

इस पासिंग आउट परेड में शामिल एक जवान ऐसा भी था जिसके लिए यह मौका औरों सेअलग था। 70-80 के दशक में चम्बल घाटी में आतंक का पर्याय बनेडाकू छवि राम के बेटे अजय पाल सिंह भी अपने कंधो पर स्टार सजने का इन्तजारकर रहा था। 20 जिलो में आतंक का पर्याय बने छवि राम के एनकाउंटर के समयअजय मात्र 5 वर्ष का था। उसने चम्बल घाटी की तस्वीर बदली और पुलिस मेंभर्ती होने का फैसला लिया। जीआरपी में तैनात अजय आज विभागीय तौर पर दारोगाबन गया है लेकिन एक और संयोग देखिए की उसके कंधे पर जिम्मेदारी के येसितारे सजाए भी उस अधिकारी ने जो उसके पिता के एनकाउंटर करने वाली टीम काएक हिस्सा थे।

SI son of Chhaviram Ajay palआपने ये सब फिल्मों में देखा या सुना होगा कि एक डाकू अपराधी जिसने अपनेआतंक से 20 जिलो में अपना कहर बरपा रखा है और कई जिलो की पुलिस उसका पीछाकरती है और एक दिन एक पुलिस वाला उस डाकू को अपनी गोली का शिकार बनाकर मौतके घाट उतार देता है। जिससे डाकू का पूरा परिवार भूखे मरने की कगार पर आजाता है तो फिर डाकू का बेटा अपनी जिंदगी में कुछ अच्छा करने की ठान लेताहै और अपने पिता की तरह जिंदगी न जीने की कसम खाता है और एक दिन डाकू काबेटा अपनी महनत के चलते बड़ा होकर समाज में एक अच्छा मुकाम हासिल कर लेता हैऔर जिस पुलिस अधिकारी ने उसके पिता का एनकाउंटर किया है वह उसी पुलिसअधिकारी से मेडल पहनता है। रील लाइफ की इस स्टोरी को आज एक डाकू के बेटे ने रियल लाइफ में करके दिखादिया है। आप जिस पुलिस वाले दरोगा की तस्वीर देख रहे हैं। इनका नाम अजय पालसिंह है और ये मूल रूप से जिला मैनपुरी का रहने वाले हैं। बता दें कि अजयपाल सिंह के पिता डाकू छवि राम के पीछे पड़ी थी, जहां 1982 में पुलिस ने एकऑपरेशन चलाकर डाकू छवि राम का एनकाउंटर कर दिया था। जिसके बाद डाकू छवि रामका बेटे अजय पाल सिंह ने अपनी जिंदगी में अच्छा काम करने की ठानी थी और आजउसी पुलिस अधिकारी एडीजी पीटीएस ए.के जैन ने अजय पाल सिंह के गले में मेडलपहनाए और सेल्यूट किया। अजय पाल सिंह की इस हकीकत ने साबित कर दिया है कीजागरूकता और शिक्षा साथ ही कुछ अच्छा कर पाने का जुनून आदमी को तरक्की कारास्ता दिखाता है और उसे उसके मुकाम तक पहुंचाता है।