फर्रुखाबाद: भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने वालों के खिलाफ ही षड्यंत्र रच कर नुकसान पहुचाने के उद्देश्य से नियमो को ताक पर रख मनमानी कार्यवाही करने पर अपर जिलाधिकारी कमलेश कुमार, उप जिलाधिकारी सदर भगवान् दीन वर्मा, जिला पूर्ति अधिकारी और तहसीलदार सदर के विरुद्ध इंडियन पेनल कोड की धारा 166,167, 418 और 420 के तहत फतेहगढ़ की सीजेएम अदालत में अभियोग अधिवक्ता दीपक दिवेदी ने वादी की ओर से पंजीकृत कराया गया है| मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल नियत की गयी है|
वादी की ओर से अधिवक्ता दीपक दिवेदी ने न्यायालय में दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया है कि ई गवर्नेंस योजना के तहत राजस्व विभाग और जिला पूर्ति विभाग द्वारा जनता को दी जाने वाली सेवाओं में जानबूझकर देरी की जाती रही| ताकि भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सके| इस मामले की प्रार्थी ने जब शिकायत तहसील दिवस में की तो तहसीलदार सद्दर और जिला पूर्ति अधिकारी ने कूट रचित तरीके से झूठे मनघडंत आरोप लगाकर जाँच तैयार की और प्रार्थी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए अपर जिलाधिकारी को सौप दी| प्रार्थी एक जागरूक नागरिक तथा पत्रकार है एवं एक लोकवाणी केंद्र का सचालक भी था| प्रार्थी ने आरोपित अभियुक्तों की जानकारी में सरकारी विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार और जनता को परेशान करने की दर्जनों खबरे भी प्रकाशित की थी| इन खबरों से इन अधिकारिओ के अनुचित लाभ लेने के हित प्रभावित हो रहे थे| खबरों में रिश्वत लेने और जनता का काम समय पर न करने का मामला था| जिसे इन अधिकारिओ द्वारा रोक जाना था| मगर अपने कर्मचारियो पर भ्रष्टाचार मामले में कार्यवाही करने की जगह प्रार्थी को ही निशाना बनाया गया| मामले की तहसील दिवस में भी शिकायत हुई| मगर तहसील दिवस में भी जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा फर्जी निस्तारण दिखा दिया गया| इतना ही नहीं सरकारी व्यवस्था सुधरने की जगह सरकारी अफसरों ने बदले की नियत से कार्यवाही शुरू की| और प्रार्थी का लोकवाणी जन सेवा केंद्र को एकतरफा कार्यवाही करते हुए अचानक लाक करवा दिया| प्रार्थी ने लोकवाणी केंद्र को खोलने एवं उसे बंद करने का कारण जानना चाह तो कोई उत्तर नहीं मिला|
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एकतरफा और मनघडंत कार्यवाही के विरुद्ध प्रार्थी जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री के पास भी फरियाद लेकर गया मगर हर बार जाँच इन्ही निचले अधिकारी को सौप दी जाती रही| इसी बीच लोकवाणी केंद्र में लंबित हजारो प्रार्थना पत्र जो जनता के थे तीन माह से अधिक समय तक लंबित पड़े रहे| जनमानस की परेशानी को भी इन अफसरों ने दरकिनार किया| और अंत में जिलाधिकारी को पुनः लोकवाणी केंद्र को चालू करने के आग्रह करने पर प्रार्थी पर बिना किसी नियम या कानून के 500 रुपये का जुर्माना लगा दिया गया| आम जनता को परेशान करने एवं वादी को नुकसान पहुचाने के मकसद से अफसर बदले की कार्यवाही पर उतर आये| सभी राजपत्रित अधिकारी है और नियमो से भली भाति परिचित है इसके बाबजूद इन अफसरों ने नियमो को ताक पर रख पद का दुरूपयोग किया और प्रार्थी को नुकसान पहुचाने के उद्देश्य से फर्जी मनघडंत शिकायत तैयार करने का भी काम किया| प्रार्थी को कोई सुनवाई का मौका तक नहीं दिया| यही नहीं बिना किसी नियम या कानून के जानबूझकर जुर्माना लगाया| अधिवक्ता दीपक दिवेदी ने वादी की ओर से सीजेएम अदालत में न्याय के लिए कमलेश कुमार ( अपर जिलाधिकारी), भगवान दीन (उप जिलाधिकारी अधिकारी), गुलाब चंद (जिला पूर्ती अधिकारी) और राजेंद्र चौधरी (तहसीलदार सदर) के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया है| न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए अभियोग पंजीकृत करने के आदेश करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 22 अप्रैल नियत की है|
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