लखनऊ: वर्ष 2011 और 2012 के मात्र दो साल की अवधि में उत्तर प्रदेश में कुल 1828 पीपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर हुए. इनमे अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के 478 और डिप्टी एसपी रैंक के 1350 हैं. लखनऊ स्थित आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार अपर पुलिस अधीक्षक रैंक में वर्ष 2012 में 307 और 2011 में 171 ट्रांसफर हुए. डिप्टी एसपी रैंक में वर्ष 2012 में 892 और 2011 में 458 ट्रांसफर हुए.
आईजी स्थापना रेणुका मिश्रा द्वारा ठाकुर को 04 अप्रैल 2013 को भेजी गयी 723 पृष्ठों की सूचना के अनुसार इस दौरान शासन ने 263 मामलों में अपना ही ट्रांसफर आदेश निरस्त किया या उसे संशोधित कर दिया. अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के 21 आदेश निरस्त किये गए जबकि 36 आदेश संशोधित हुए. डिप्टी एसपी रैंक के 74 आदेश निरस्त हुए जबकि 132 आदेश संशोधित हुए.
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आरटीआई सूचना के अनुसार चार बार शासन के एक आदेश में सौ से अधिक पीपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया. इसके अलावा तीन अन्य अवसरों पर पचास से अधिक पीपीएस अधिकारियों का एक आदेश पर ट्रांसफर हुआ. अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद 27 मार्च 2012 को 120 अपर पुलिस अधीक्षक, 01 अप्रैल को 153, 07 अप्रैल को 110 और 16 अक्टूबर को 121 डिप्टी एसपी के ट्रांसफर एक आदेश पर हुए. मायावती के समय 09 अप्रैल 2011 को 97 अपर पुलिस अधीक्षक और 08 अगस्त को 82 डिप्टी एसपी के ट्रांसफर एक आदेश पर हुए थे.
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विधान सभा चुनाव के समय पुलिस अधिकारियों को बहुत राहत थी और 24 दिसंबर 2011 से 17 मार्च 2012 के बीच किसी पीपीएस अफसर का ट्रांसफर आदेश जारी नहीं हुआ था. नयी सरकार बनने के बाद अपर पुलिस अधीक्षकों में पहला ट्रांसफर 17 मार्च को बी पी अशोक का एसपी सिटी मेरठ से आरटीसी चुनार और विजय यादव का आरटीसी चुनार से डीजीपी कार्यालय हुआ था.