FARRUKHABAD: आंगन बाड़ी केन्द्रों के सञ्चालन में सरकारी धन को लूट रही सरकारी मशीनरी पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने हर आंगन बाड़ी केंद्र पर 11 रजिस्टर रखने और उन्हें अपडेट रखने का शासनादेश जारी किया है| उत्तर प्रदेश में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने 3 अप्रैल को सभी जिलों के क्रायक्रम अधिकारिओ को इस आशय का आदेश जारी कर दिया है| हालाँकि फर्रुखाबाद के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ऐसे किसी भी नए आदेश से ही अनजान है| फोन पर उन्होंने JNI को बताया कि कोई रजिस्टर नहीं बढ़ाया गया है| जबकि इस आशय का आदेश विभाग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है|
इन 11 रजिस्टर में से 5 रजिस्टर तो पहले से ही केंद्र पर रखने के आदेश थे और 6 नए रजिस्टर बढ़ाए गए है| जो नए रजिस्टर बढ़ाए गए है वे है- सप्लीमेंट्री फ़ूड स्टाक, टीकाकारण, ग्रामीण स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रम, विटामिन ए का 6 मासिक चक्र का रखरखाव, घर घर मेल मिलाप कार्यक्रम रजिस्टर, रेफरल (किसी केस को आगे अग्रसारित करने) रजिस्टर और मासिक एवं वार्षिक समीक्षा|
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यानि कि अब आंगन बाड़ी को पंजीरी और सप्लीमेंट फ़ूड का स्टाक रजिस्टर हर रोज भरना होगा| जिसे आम जनता के लिए भी रखा जायेगा| आंगन बाड़ी के पास टीका करण से लेकर गाँव मोहल्ले में गर्भित महिलाओं का रिकॉर्ड रखने के अलावा किसके यहाँ बच्चा पैदा हो गया है का भी रिकॉर्ड रखना होगा| राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में भी आँगन बाड़ी और सहयिको की भूमिका सुनिश्चित की जाएगी|
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हालाँकि पहले से ही 5 रजिस्टर जिन्हें पूर्ण करके रखने की जिम्मेदारी आंगन बाड़ी की होती है वे है परिवार विवरण, सप्लीमेंट्री फ़ूड वितरण, नॉन फार्मल प्री स्कूल शिक्ष्ण कार्यक्रम, गर्भधारण एवं प्रसव विवरण, बच्चो के वजन का रिकॉर्ड| ये सभी रजिस्टर आम जनता के लिए भी पठनीय एवं सुलभ करने का नियम है मगर अव्वल तो ये रजिस्टर पूर्ण नहीं होते और होते भी है तो जनता को नहीं मिल सकते| उत्तर प्रदेश में हालात ये है कि पंजीरी तो गोदाम से उठान के समय ही बिक जाती है और नगदी आहरण के समय ही बड़े बेशर्मी से अफसर बैंक के बाहर खड़े होकर हिस्सा आंगन बाड़ी और सहयिको से वसूल ले जाते है| वर्ना ऐसा न होता कि सरकार का कोई आदेश आता और जिले के कार्यक्रम अधिकारी ऐसे भ्रष्टाचार रोकने के आदेश से अनजान होते|