नई दिल्ली। बसपा नेता व अरबपति बिल्डर दीपक भारद्वाज हत्याकांड में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पुलिस ने सोमवार देर रात उनके छोटे बेटे नितेश को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया था और फिर हिरासत में ले लिया। इससे पहले दिन में एक पुलिस अधिकारी ने कहा था कि साजिश में परिवार के सदस्य भी शामिल हैं।
सोमवार को भारद्वाज परिवार के वकील व प्रॉपर्टी का काम करने वाले बलजीत सहरावत को भी गिरफ्तार किया गया। बलजीत न्यू रोहतक रोड, आनंद पर्वत औद्योगिक क्षेत्र का रहने वाला है। कहा जा रहा है कि इसी ने प्रतिभानंद को दीपक भारद्वाज व उनके बेटे नितेश से मिलवाया था। पुलिस को संदेह है कि नितेश ने वकील सहरावत के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया है कि भारद्वाज की हत्या कराने के लिए प्रतिभानंद को छह करोड़ रुपये की सुपारी दी गई थी। यह दिल्ली में किसी की हत्या के लिए अब तक की सबसे बड़ी सुपारी मानी जा रही है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि 48 वर्षीय प्रतिभानंद चाहता था कि वह एक बड़ा आश्रम खोले, जहां देश-विदेश के लोग योग का प्रशिक्षण लेने आएं। बड़ा आश्रम खोलने के लिए करीब दो करोड़ रुपये चाहिए था। आश्रम के बारे में जानकारी जुटाने व सर्वे करने के मकसद से प्रतिभानंद ने पिछले डेढ़ साल में हरिद्वार, करनाल, सोलन व वाराणसी आदि कई जगहों का दौरा कर आश्रमों का जायजा लिया। बहुत सारे आश्रमों से गलत हरकतों की वजह से उसे निकाल दिया गया। वह हरिद्वार में हिंदू महासभा के आश्रम पर भी कब्जा करना चाहता था।
पिछले वर्ष अक्टूबर व नवंबर में जब वह आश्रम ढूंढने की कोशिश में हरिद्वार में था तब उसने भारद्वाज के नजदीकी कुछ लोगों से पैसों का जिक्र किया। इस पर उन्होंने कहा कि अगर वह (प्रतिभानंद) दीपक भारद्वाज की हत्या करा देगा तो उसे छह करोड़ रुपये तुरंत मुहैया करा दिया जाएगा। इतना बड़ी पेशकश सुनकर प्रतिभानंद ने फौरन हामी भर दी थी। इसके बाद वह पहले तो कई दिनों तक यह सोचता रहा कि कम पैसे खर्च किससे हत्या कराई जाए। वह अधिक से अधिक पैसा अपने पास बचा लेना चाहता था। बाद में उसने चालक रह चुके पुरुषोत्तम से कहा कि उसे भारद्वाज की हत्या के लिए दो करोड़ की सुपारी मिली है। अगर वह यह काम कर देता है तो एक करोड़ वह उसे दे देगा। एक करोड़ का ऑफर मिलने पर पुरुषोत्तम तैयार हो गया। पुरुषोत्तम ने हरिद्वार में दो बार भारद्वाज की हत्या करने की कोशिश की, किंतु मकसद में सफल नहीं हो पाया। पकड़े जाने के डर से प्रतिभानंद और पुरुषोत्तम दोनों नहीं चाह रहे थे कि भारद्वाज की हत्या दिल्ली में उनके फार्म हाउस में की जाए। दिल्ली से बाहर हमेशा लोगों से घिरे होने के कारण पुरुषोत्तम को जब मौका नहीं मिला तब उसने तीसरी बार फार्म हाउस में ही घुसकर दीपक भारद्वाज की हत्या कर दी।
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योग आश्रम के लिए जमीन का इंतजाम करने प्रतिभानंद पिछले दिनों कुंभ मेले के दौरान इलाहाबाद भी गया था। वहां कई दिन तक अलग-अलग आश्रमों में रुक उनके साधुओं से आश्रम के लिए जमीन मुहैया कराने का अनुरोध किया किंतु सबने इन्कार कर दिया।