मुलायम पर भरोसा नहीं, साथ छोड़ने पर नहीं गिरेगी सरकार!

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नई दिल्ली।यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी पर देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पूरा भरोसा नहीं है। प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया है कि समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव सरकार से समर्थन खींच सकते हैं। हालांकि उन्होंने दावा किया है कि मुलायम अगर समर्थन भी वापस खींच लें, तब भी उनकी सरकार गिरने वाली नहीं।

प्रधानमंत्री से जब सवाल पूछा गया कि यूपीए सरकार में सबसे बड़ी सहयोगी रही डीएमके अब यूपीए-2 के साथ नहीं है। सरकार मुलायम सिंह और मायावती के सहारे है। क्या आपको लगता है कि सरकार इन दिनों काफी अस्थिर हो गई है? ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आगे चलकर मुलायम सिंह सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं?

तो प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’गठबंधन सरकार में दिक्कतें होती हैं। कभी-कभी सहयोगी ऐसा अहसास कराते हैं जिससे लगता है कि ये गठबंधन बहुत कारगर नहीं है और मैं ऐसी किसी संभावना से इनकार नहीं कर सकता। लेकिन मुझे यकीन है कि हमारी सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी और लोकसभा चुनाव अगले साल अपने तय समय पर ही होंगे।‘’
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दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन से लौटते वक्त अपने विशेष विमान में एक सवाल के जवाब में 80 साल के मनमोहन ने खुद को पीएम पद की रेस से बाहर नहीं माना। जब उनसे सवाल पूछा गया कि 2014 के चुनाव में अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी आपसे लगातार तीसरी बार पीएम की कुर्सी संभालने की सिफारिश करें तो क्या आप तीसरी बार प्रधानमंत्री की गद्दी कबूल करेंगे? तो प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’ये सब कोरी कल्पनाएं है। जब चुनाव के नतीजे आ जाएंगे तब इस पर बात होगी।‘’

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जब पीएम से सवाल पूछा गया कि बतौर प्रधानमंत्री 10 साल बिताने और 80 साल की उम्र होने के बाद क्या अब भी उनमें सार्वजनिक जीवन जीने की ऊर्जा है तो उन्होंने ने कहा, ‘’उन्होंने पूरी ईमानदारी से देश की सेवा की है और अब उनके भविष्य का फैसला जनता के हाथ में है। इसमें मैं कामयाब हुआ या नाकाम रहा- ये फैसला जनता के हाथ में है। ‘’

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प्रधानमंत्री ने गठबंधन की मजबूरियों पर कहा कि सरकार को सुधार प्रक्रिया जारी रहने का यकीन है और जल्द ही इसके परिणाम सामने आएंगे। इटली नौसैनिक मामले में पर उन्होंने कहा कि केस सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है और स्पेशल कोर्ट का गठन हो चुका है। साथ ही उन्होंने 2012-13 की तीसरी तिमाही के लिए चालू खाता घाटे में इजाफ पर भी चिंता जताई।