अनाथ आश्रम में हो रहा था मासूम बच्चियों का शारीरिक शोषण

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महाराष्ट्र के नासिक में जय आनंद निराश्रित आश्रम में रहने वालीं लड़कियों ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को चिट्ठी लिखकर बताया है कि आश्रम के ट्रस्टी और चार पुरुष कर्मचारी वर्षों से उनका शारीरिक और यौन शोषण कर रहे हैं। पनवेल में महिला बाल सेवा आश्रम में मानसिक रूप से कमजोर लड़कियों के साथ बलात्कार के मामले में मुख्य आरोपी को फांसी की सजा सुनाए जाने के चार दिनों के भीतर ही यह सनसनीखेज मामला सामने आया है।

इस चिट्ठी में लड़कियों ने कहा है कि आश्रम के सुपरिटेंडेंट भाऊ साहेब थोराट, केयरटेकर संतोष थोराट और हर्षद पाटिल व सिक्योरिटी गार्ड भालेराव हमारा शारीरिक और यौन शोषण करते हैं। चाइल्डलाइन के स्वयंसेवक इस आश्रम में रविवार को गए थे और वहां रहने वालीं सभी लड़कियों का इंटरव्यू किया। सूत्रों के मुताबिक, लड़कियों ने बताया कि इस आश्रम को चलाने वाले ट्रस्ट के चेयरमैन लालचंद पिपाड़ा उर्फ मामाजी भी उनका यौन शोषण करते हैं। चिट्ठी में उन लोगों ने बताया है, ‘वे बुरी नीयत से हमारे शरीर और प्राइवेट पार्ट्स को सहलाते हैं।’ इन लोगों ने यह भी बताया कि आश्रम में जब कोई बाहर से आता है तो केयरटेकर्स साये की तरह उनके पीछे रहते हैं ताकि हम उन्हें हकीकत बयां न कर सकें।

Girl Childयह अनाथ आश्रम महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता प्राप्त है, लेकिन सरकारी अनुदान नहीं मिलता है। आश्रम का खर्च दान से चलता है। यहां 5 से 18 साल की कुल 35 लड़कियां और 63 लड़के हैं, लेकिन एक भी महिला केयरटेकर नहीं है। केवल खाना बनाने के लिए एक महिला कर्मचारी कुछ घंटों के लिए आती है। लड़कियों ने बताया कि जब उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया जाता है तो साथ जा रहा केयरटेकर सुनसान जगह पर गाड़ी रोककर उनके साथ कुकर्म करता है। छोटी-छोटी गलती के लिए अक्सर उन्हें सख्त सजा दी जाती है। एक लड़की ने बताया, ‘हमें अक्सर झुककर पैर के अंगुठों को छूने की सजा दी जाती है और पीठ पर छड़ी या ईंट रख दी जाती है। इसके गिरने पर हमारी पिटाई होती है।’ एक दूसरी लड़की ने कहा, ‘नहाने के दौरान हमें बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं करने दिया जाता और इस दौरान केयरटेकर्स हमें घूरते रहते हैं।’

चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की चार सदस्यीय टीम चेयरपर्सन हेमा पटवर्धन के नेतृत्व में गई और वहां लड़कियों से इस बारे में बात की। लड़कियों ने जिन चार पुरुष कर्मचारियों के नाम लिए थे उन्हें आश्रम से बर्खास्त कर दिया गया है, पर मामाजी के खिलाफ अभी कार्रवाई नहीं हुई है।
चाइल्ड डिवेलपमेंट ऑफिस के अधिकारी दिलीप हिरवाड़े ने बताया, ‘यह लड़कियों के उत्पीड़न का मामला है, इसलिए उन्हें दूसरे शेल्टर हाउस में शिफ्ट किया जा रहा है। इसके बाद उनकी काउंसिलिंग की जाएगी और फिर डीटेल में इंटरव्यू किया जाएगा। रविवार शाम तक सभी लड़कियों को एक सरकारी शेलटर हाउस में ट्रांसफर किया जा चुका था।

हालांकि, हेमा पटवर्धन का कहना है कि सोमवार से लड़कियों की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं और उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने से उनकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक बार लड़कियां यहां से निकल जाएं फिर उनसे विस्तार में बातचीत संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि लड़कियों की चिट्ठी के आधार पर स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।

इस मामले में मामाजी ने सफाई देते हुए कहा, ‘मैंने कभी किसी भी लड़की का शोषण नहीं किया। वे सब मेरी अपनी बेटी की तरह हैं। मैं उनके साथ कभी कोई गलत हरकत नहीं कर सकता। जैसे ही मुझे पता चला कि मेरे कुछ कर्मचारी लड़कियों के साथ गलत हरकत कर रहे हैं, मैंने उन्हें बर्खास्त कर दिया।’ हालांकि, वह यह नहीं बता पाए कि उन्होंने इस मामले में पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी।