रेलवे में नौकरी के लिए इंतजार कर रहे बेरोजगार युवकों के लिए थोड़ी राहतभरी खबर है। खाली पदों को भरने के लिए रेलवे ने पुरानी व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया है। अब सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों से रिक्त हुए पदों की रिपोर्ट हर तीसरे महीने रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी।
रेलवे में करीब एक लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। रेलवे इसे लेकर उत्साहित है, लेकिन कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि नियुक्त हो रहे कर्मचारियों से ज्यादा संख्या सेवानिवृत्त होने वालों की है। सो, अप्रैल तक दो लाख से ज्यादा पद रिक्त हो जाएंगे।
दिक्कत यह है कि डिवीजन और जोनल स्तर पर रिक्त पदों को रेलवे बोर्ड तक भेजने में सुस्ती दिखाई जाती है। साथ ही नए एसेट के लिए पद सृजन में सुस्ती रहती है। इसे देख रेलवे बोर्ड ने तय किया है कि अब हर साल जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्तूबर में रिक्त पदों की सूचना बोर्ड को दी जाएगी। इसी के आधार पर रेलवे में भर्तियां भी की जाएंगी।
रेलवे बोर्ड के निदेशक स्थापना हर्षा दास ने सभी जोनों के कार्मिक विभाग चिट्ठी भेजा है। इसमें साफ किया है कि नए एसेट के लिए पद सृजन भी किया जाए। हालांकि, इसके लिए डिवीजन और जोन को बोर्ड के मानकों पर खरा उतरना होगा। रिक्त पदों पर होने वाली भर्ती से पड़ने वाले वित्तीय भार की जानकारी देनी होगी। इसके लिए बोर्ड ने 25 शर्तों की सूची भी जारी की है।
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इसमें जोनल स्तर के कार्मिक विभाग के जरिए मिलने वाले रिक्त पदों के प्रस्तावों को मंजूरी तभी मिलेगी, जबकि वह इन शर्तों को पूरा करते हों। कर्मचारी संगठन लंबे समय से मांग करते रहे हैं कि नए एसेट्स के लिए नए पद घोषित किए जाएं। इसके न होने से कर्मचारियों की संख्या लगातार कम पड़ती जा रही है। नई व्यवस्था से यह समस्या दूर हो सकेगी।
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