ट्रैक्टर-ट्राली से मिट्टी ढो रहे युवक से अवैध खनन करने के नाम पर वसूली की मांग से इनकार करने पर पुलिस ने युवक को गोली मार दी। युवक की मौत के बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच संघर्ष हो गया। भीड़ ने शेरगढ़ थाना में आग लगी दी गई। पुलिस के वाहनों के साथ ही अन्य वाहनों को फूंक दिया गया। बवाल पर काबू पाने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी, जिसमें सात लोग घायल बताये गये हैं। एक घायल बाबू ने अस्पताल के रास्ते में ही दम तोड़ दिया। मौके पर पह़ुंचे डीएम समीर वर्मा और एसएसपी प्रदीप कुमार ने मौके पर पीएससी तैनात कर दी है। मामले में थानाध्यक्ष समेत सात पुलिसकर्मी निलंबित कर दिये गये हैं, व घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिये गये हैं।
सरकार ने मथुरा जिले के शेरगढ़ थाना क्षेत्र में हुई घटना की मजिस्टीरियल जांच के आदेश दिए हैं। घटना में मृत व्यक्ति के परिवारीजन को पांच लाख तथा गम्भीर घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने मंगलवार की शाम को बताया कि शासन द्वारा मामले को गम्भीरता से लिया गया है, तथा घटना की मजिस्टीरियल जाच के आदेश दिये गये है।
पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि घटना में प्रथम दृष्ट्या इसमें पुलिसकर्मियों का दोष सामने आया है। अब यह जांच का विषय है कि वसूली में नौझील या शेरगढ़ थाने के पुलिसकर्मी शामिल थे। मथुरा पुलिस को यह निर्देश दे दिया गया है कि जो भी पुलिसकर्मी वसूली में शामिल थे, उनको गिरफ्तार किया जाय। थाने पर आक्रोशित भीड़ के हमले की जांच हो रही है। इस हमले के बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में चार लोग घायल हो गये हैं। घायलों और पुलिस की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले में प्रशासनिक दृष्टिकोण से लापरवाही मिलने पर शेरगढ़ के थानाध्यक्ष संजीव चौहान, उप निरीक्षक एसपी सिंह, आरक्षी देवेन्द्र, मनमोहन, जितेन्द्र नागर, बबलू और विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी अनुसार, प्रात: नौगाव निवासी युवक जितेंद्र पुत्र रामरती अवैध खनन कर मिट्टी शेरगढ़ से माट की तरफ ले जा रहा था। आरोप है कि पुलिस ने टैक्टर-ट्राली को रोककर उससे पैसे मागें। पुलिस के कोप से बचने के लिये वह ट्रैक्टर-ट्राली दौड़ाने लगा। पीछे लगी पुलिस ने पहले युवक के सिर पर डंडा मारा फिर पैर में गोली मार दी। इससे युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मामले की जानकारी मिलने के बाद नौगाव के ग्रामीण शेरगढ़ थाना पहुंच गये, पुलिस से विवाद उग्र होने के बाद ग्रामीणों ने पहले थाना में आग लगा दी, फिर वाहन फूंक दिये। बवाल पर काबू पाने के लिये पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की गोली लगने से महेंद्र पुत्र जानकी, बाबू पुत्र उदल, अजीत पुत्र उदल और नेत्रपाल पुत्र प्रीतम समेत सात लोगों को गोली लगी है। जिला अस्पताल से आगरा अस्पताल ले जाते समय एक गंभीर रूप से घायल बाबू की रास्ते में मौत हो गई।