16 की उम्र में सेक्स: कहीं यह कम उम्र किशोरियों से यौन संबंध बनाने का वैध रास्ता तो नहीं साबित होगा

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सहमति से यौन संबंध की उम्र 16 वर्ष करने को लेकर मंत्री समूह की सिफारिश को कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया। कैबिनेट की स्वीकारोक्ति के बाद इस पर कल 18 मार्च को सर्वदलीय बैठक में सहमति बनानी होगी, तभी 22 मार्च को इसे संसद में पारित किया जा सकेगा। लेकिन बहस समाज के हर दायरे में अभी से उठ खड़ी हुयी है।  राजनीति, समाज और विमर्श के व्यापक दायरे में इस पर चर्चा हो रही है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि इससे समाज में गलत प्रवृत्तियां स्थापित होंगी। वहीं समाज का एक तबका सहमति से यौन संबंधों की उम्र घटाने को एक जरूरी और स्वागत योग्य सरकारी पहल मान रहा है।

Teen Love1दिल्ली गैंगरेप के बाद दिल्ली में जबरदस्त आंदोलन करने वाले इस कानून के पास होने के बाद क्या कहेंगे? व्यापक जन समुदाय इसका विरोध नहीं करता तो सरकार जो तय कर चुकी वह करके ही रहेगी। निश्चय ही इससे बलात्कारियों, कच्ची उम्र की लड़कियों को वालों और देह व्यापारियों के[bannergarden id=”8″] वारे-न्यारे हो जाएंगे। इसका सर्वाधिक फायदा वह लोग उठाएंगे जिनकी सैक्स के लिए कम उम्र की लड़कियों की मांग रहती है। यह सेक्सलोलुप पुरुषों के लिए बहला-फुसलाकर कम उम्र किशोरियों से यौन संबंध बनाने का वैध रास्ता साबित होगा। कमउम्र किशोरी को वरगलाना या सहमति का बयान दिलवा देना समर्थ के लिए मुश्किल नहीं है। यह अकारण नहीं था कि गुजरे जमाने में कम उम्र में लड़कियों की शादी को गलत ठहराते हुए कानून के मार्फत आयु सीमा तय कर दी गई थी।

वैज्ञानिक तथ्य भी है कि कम उम्र में लड़की शारीरिक और मानसिक रूप से शारीरिक संबंध बनाने और अपना अच्छा-बुरा सोचने के मामले में परिपक्व नहीं होती। ऐसे में उसके साथ यौन संबंध बनाना उसके साथ ज्यादती है। यहां सहमति का कोई अर्थ नहीं है। यदि यौन संबंध बनाने की उम्र घटेगी तो बाल श्रम की आयु सीमा घटाने की मांग भी उठेगी। किशोर अपराधों के मामले में भी आयु सीमा में छूट दी जाएगी और वेश्यावृद्धि को भी देर-सवेर कानूनी जामा पहनाया जाएगा। और इस तरह समाज एक तरह से फिर पुराने बर्बर युग की तरफ मुड़ने लगेगा।

वहीं दूसरा पक्ष 16 की उम्र में सेक्स पर छिड़े हंगामे को गलतफहमियों का नतीजा बता रहा है। उनका तर्क है कि ब्रिटेन में सहमति से सेक्स की उम्र 16, फ्रांस में 15 और स्पेन में 13 वर्ष है। अमेरिका में यह 16 से 18 वर्ष के बीच है। भारत में कई महिला संगठन ‘कसेंट एज’ 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष करने की मांग कर रहे थे। पिछले कुछ वर्ष मे भारतीय समाज में आए खुलेपन, मीडिया और फिल्मों के प्रभाव के कारण युवाओं विशेषकर किशोरों मे सेक्स की प्रवृत्ति बढ़ी है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 15 से 24 साल की उम्र में प्यार करने वाले लड़के-लड़कियों में से 42 फीसदी लड़कों और 26 फीसदी लड़कियों ने अपने साथी के साथ सेक्स किया होता है। आज इंटरनेट और टीवी चैनलों के कारण युवाओं को सेक्स के बारे में जानकारियां पहले की अपेक्षा ज्यादा आसानी से मिल रही हैं। यही वजह है कि 18 की उम्र के पहले ही युवाओं में सेक्स का चलन बढ़ा है। सहमति से सेक्स की उम्र कम करने का मकसद यौन अपराधों पर लगाम लगाना है। उम्र कम करने के पीछे एक समझ प्रेमी जोड़ों के खिलाफ होने वाले अपराधों को भी रोकना है। उनके मुताबिक, ‘कंसेंट ऐज’ कम कराने के पीछे मकसद सेक्स करने का लाइसेंस देना नहीं है। हम चाहते हैं कि 16 से 18 की उम्र के बीच सेक्स करने वालों को क्रिमिनल ना माना जाए।  ‘16 से 18 उम्र में किशोर उम्र कारण लड़के-लड़कियां सेक्स की ओर अधिक आकर्षित होते हैं। इस उम्र में सेक्स को यदि अपराध बना दिया जाएगा तो खाफ पंचायतों या परिवार द्वारा लड़के-लड़कियों को प्रताडि़त करने की घटनाएं बढ़ जाएंगी।’