फर्रुखाबाद: बीते शनिवार की शाम बढ़पुर मेमोरियल चर्च के सामने बने पुराने कब्रिस्तान को लेकर मामला उग्र हो गया था। मसीह समुदाय के लोगों ने मुख्य मार्ग जाम करके कब्जा करने आये लोगों को उल्टे पांव वापस कर दिया था। रविवार को समाज के लोगों ने कब्रिस्तान की साफ सफाई की तो उसमें 1896 तक की कब्र मिली है। [bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
बढ़पुर मेमोरियल चर्च के पादरी किशन मसीह के नेतृत्व में समुदाय के लोग रविवार दोपहर बाद चर्च पर एकत्रित हुए और सैकड़ों साल पुराने कब्रिस्तान की साफ सफाई की बात कही गयी। जिसके बाद मसीह समुदाय के सैकड़ों की संख्या में लोग कब्रिस्तान की सफाई करने के लिए टूट पड़े। पुरानी झाड़ियों में आग लगा दी गयी। कब्रों को पानी से धोया गया। तभी एक 1896 की कब्र मिली जो एलिस एस फोरमैन पत्नी हेनरी फोरमैन की थी। जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कब्रिस्तान डेढ़ सौ साल पुराना ही होगा। इसके अलावा सन 1914, 1922, 1933, 1935, 1915 तक की कब्रें बनी हुई हैं। कुछ कब्रों को सफाई कर रहे लोगों ने पुनः खोलने का प्रयास किया लेकिन पादरी किशन मसीह ने इसका विरोध करते हुए मना कर दिया और कहा कि कब्रें खोली नहीं जा सकतीं।