प्रतापगढ़. कुंडा के बलीपुर में दो मार्च को हुए तिहरे हत्याकांड की परतें खुलने लगी हैं। मृतक प्रधान नन्हे यादव के भाई पवन और सुधीर ने सीबीआई के सामने स्वीकार किया है कि उस दिन उन्होंने डीएसपी जिया उल हक की जमकर पिटाई की थी। इस मारपीट में प्रधान का पुत्र भी शामिल था। हालांकि उन्होंने डीएसपी की हत्या करना स्वीकार नहीं किया है। इससे पहले यह दोनों बार बार यह कह रहे थे कि वह घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे। पर बाकी के दो गवाहों के बयान के बाद उन्होंने डीएसपी की पिटाई करने की बात स्वीकार कर ली।
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पवन और सुधीर ने सीबीआई को बताया कि जब डीएसपी जियाउल हक मृतक प्रधान नन्हे यादव की लाश ले जाने के लिए आए तो भीड़ ने इसका विरोध किया। कुछ ही देर में भीड़ उनपर हमलावर हो गई। इस बीच डीएसपी ने भीड़ के हमले से बचने के लिए भागने की कोशिश की, लेकिन पवन, सुधीर और मृतक प्रधान नन्हे के पुत्र ने उन्हें दबोच लिया। दबोचने के दौरान डीएसपी फिसलकर जमीन पर गिर पड़े और भीड़ ने उन्हें बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया।
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वहीं सीबीआई ने कुंडा हत्याकांड में कोर्ट से निलंबित इंस्पेक्टर सर्वेश चंद्र मिश्र का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति मांगी है। जिस वक्त यह हत्याकांड हुआ, उस वक्त कुंडा के प्रभारी निरीक्षक सर्वेश सीओ जिया उल हक के साथ मौजूद भी। सीबीआई का मानना है कि अगर इंस्पेक्टर का नार्को टेस्ट होगा तो कई राज खुल सकते हैं। सीबीआई की अर्जी पर अब 22 मार्च को सुनवाई होगी। वहीं मामले में आरोपी संजय प्रकाश सिंह और राजीव प्रताप सिंह को शुक्रवार को दूसरे दिन भी केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम घटनास्थल पर लेकर गई और उनसे पूछताछ की।
दूसरी तरफ मुआवजे की रकम को लेकर शहीद डीएसपी के घर पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। डीएसपी की बेवा परवीन आजाद का कहना है कि जो रकम उनके नाम आई है, उनके पास है। इस मसले पर अभी परिवार के लोगों से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। इस मामले में शुक्रवार को शहीद डीएसपी के पिता शमसुल हक ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। इससे पहले उन्होंने कहा था कि जो इमदाद आ रही है, वह परवीन और उनके परिवार में जा रही है। न वो उन्हें उसमें से कुछ दे रहे हैं और न ही कुछ बता रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने ग्राम प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद गांव में हुई हिंसा और आगजनी के मामले में बलीपुर के दस लोगों से पूछताछ की। सीबीआई के संयुक्त निदेशक आरएस भट्टी उप महानिरीक्षक अनुराग गर्ग के साथ जांच कर रहे हैं और कुंडा में दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। सीबीआई ने दोनों आरोपियों को 13 से 18 मार्च की शाम तक रिमांड पर लिया है। उन्होंने बताया कि सीबीआई की एक टीम दिवंगत पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक की सर्विस रिवॉल्वर और मोबाइल फोन की खोज कर रही है। सीबीआई ग्राम प्रधान की हत्या के आरोपी कामता पाल के घर में आग लगाने वाले का पता लगा रही है।
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सीबीआई इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि हिंसा में ग्राम प्रधान के भाई सुरेश यादव की पहले मौत हुई या जिया उल हक की। दोनों की मौत अभी रहस्य बनी हुई है। सीबीआई की टीम ने मौके से रक्तरंजित मिट्टी के नमूने और फोटोग्राफ भी लिए और उन्हें जांच के लिए भेज दिया है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक की हत्या में नामजद पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की साजिश की भी जांच की जा रही है। राजा भैया गुरुवार शाम कुंडा स्थित अपने आवास पर आए थे। दो मार्च को बलीपुर के ग्राम प्रधान नन्हे यादव की जमीन संबंधी विवाद को लेकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचे कुंडा के पुलिस उपाधीक्षक हक पर गुस्साए ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। इस घटना में हक और ग्राम प्रधान के भाई सुरेश यादव की मौत हो गई थी।