राजस्व मुकदमों की जानकारी अब वेबसाइट पर, अप्रैल के अंत तक सभी जिलों में

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1लखनऊ : जमीनों को लेकर राजस्व न्यायालयों में चलने वाले मुकदमों की जानकारी अब वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी। भ्रष्टाचार की आम शिकायतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बुधवार को इस नई व्यवस्था की शुरुआत की। राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि इस पारदर्शी और आसान व्यवस्था से जनता को काफी लाभ मिलेगा। कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में यादव ने कहा कि पहले चरण में यह व्यवस्था प्रदेश के 18 मंडलों के मंडलीय राजस्व न्यायालयों और 25 जिलों में शुरू की जा रही है। राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने बताया कि यह व्यवस्था अप्रैल के अंत तक सभी जिलों में लागू कर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को सुविधा पहुंचाने की दृष्टि से अभी और अधिक कदम उठाने की जरूरत है। छात्र-छात्राओं को निशुल्क लैपटॉप वितरित किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिन घरों में लैपटॉप उपलब्ध हो रहे हैं, वहा कंप्यूटरीकृत योजनाओं का लाभ प्राप्त करना और भी अधिक आसान हो जाएगा। अंबिका चौधरी ने बताया कि इस व्यवस्था से नायब तहसीलदार से उच्च स्तर तक के सभी राजस्व न्यायालयों के वादों को http://courtcases.up.nic.in/rcms/Default.aspx  पर ऑन लाइन करने में सुविधा मिलेगी। लोगों को घर बैठे राजस्व वादों के हस्ताक्षरित फैसलों की प्रति उपलब्ध होने के अलावा मुकदमे की तारीख और अन्य आवश्यक जानकारी मिल सकेगी। लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि राजस्व विभाग में कंप्यूटराइजेशन से राजस्व वादों को तेजी से निपटाने में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इस ठोस कदम से राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में काफी बदलाव आएगा।

विचाराधीन प्रदेश के कुल 1688 राजस्व न्यायालयों, जिनमें नायब तहसीलदार न्यायालय से लेकर राजस्व परिषद तक के न्यायालय शामिल हैं, में हर माह तकरीबन एक लाख मुकदमे दायर होते हैं और लगभग इतनी ही संख्या में निस्तारित होते हैं। इन न्यायालयों में नए और पुराने मिला कर लगभग चार लाख मुकदमे विचाराधीन हैं। उन्‍होंने बताया कि शुरुआत लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, झांसी, बांदा, कानपुर नगर, इलाहाबाद, मिर्जापुर, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, गोंडा, बस्ती, फैजाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, इटावा, कन्नौज, सीतापुर, बाराबंकी और बलिया सहित कुल 25 जिलों में हुई है। परंतु वास्‍तविक वेबसाइट पर फर्रुखाबाद के वादों का भी विवरण अज से ही मिलना प्राप्‍त हो गया है। जनसामान्य, विशेषकर वादकारियों और वकीलों को मुकदमों से संबंधित सूचनाएं मसलन, नियत की गयी तारीख, न्यायालय द्वारा पारित आदेशों और न्यायालय की कार्यवाही की पूरी जानकारी वेबसाइट पर मिल सकेगी। उन्हें इसके लिए न्यायालयों का चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। जमीन का नामान्तरण, जमीन पर मालिकाना हक का मुकदमा,  ग्रामसभा की भूमि को सुरक्षित करने और अवैध कब्जेदारों की बेदखली, मेड़बंदी और पैमाइश – बंटवारे के विवाद, भूमि की नीलामी से संबंधित मामले व इन मामलों से संबंधित अपीलें, रिवीजन, रिव्यू आदि मुकदमों की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्‍ध रहेगी।