हाईटेंशन विद्युत लाइन से चिपक कर छात्र घायल

Uncategorized

arunFARRUKHABAD : कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के बेबर रोड स्थित 132 केबी उपसंस्थान के सामने ग्राम धन्सुआ के खेत में हाईटेंशन विद्युत लाइन से चिपक कर एक छात्र गंभीर रूप से झुलस गया। आक्रोषित ग्रामीणों ने बेबर रोड जाम कर दिया।jam2

[bannergarden id=”8″]

ग्राम धन्सुआ निवासी विनोद राठौर का 15 वर्षीय पुत्र अरुण गांव के ही निकट खेत में बकरी चरा रहा था। उसके ऊपर से निकली 11 हजार की कीरतपुर फीडर की हाईटेंशन विद्युत लाइन ने अरुण को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। आक्रोषित ग्रामीणों ने मौके पर जाम लगा दिया व मुआवजे की मांग करने लगे। सड़क पर बिजली का खम्भा डालकर बैठ गये। बिजली विभाग के खिलाफ आक्रोष व्यक्त jam1 jamकर रहे ग्रामीणों के प्रदर्शन की खबर पुलिस को लगी तो शहर कोतवाल रूम सिंह यादव व फतेहगढ़ कोतवाल जितेन्द्र सिंह परिहार घटना स्थल पर पहुंचे।  ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण घटना स्थल पर ही पुलिस व बिजली अधिकारियों को बुलाने की बात करने लगे। काफी मसक्कत के बाद घायल के परिजन मुआवजे के आश्वासन के बाद मुख्य मार्ग से हटे। पुलिस ने घायल के परिजनों को घटना स्थल से भोलेपुर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती छात्र के पास पहुंचाया। जहां उसका उपचार शुरू हो गया।

बिजली विभाग की लापरवाही से अब तक हो चुकी हैं दर्जनों अकाल मौतें

 बिजली विभाग की लापरवाही से धन्सुआ के छात्र के घायल होने की बात कोई ज्यादा नई नहीं लगती, क्योंकि बिजली विभाग के लापरवाह होने के इससे भी ज्यादा बड़े सबूत जिले में सामने आ चुके हैं। जिले की जर्जर विद्युत लाइनों के तार टूटकर गिरने की आये दिन घटनाएं होना आम बात हो गई है। टूटी जर्जर लाइनों व अन्य विद्युत हादसों में  लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इसके अलावा खेतों में खड़ी हजारों की फसल भी जलकर नष्ट हो चुकी है। लेकिन बिजली विभाग इस बावत कोई भी कदम उठाने को तैयार नहीं दिखता वल्कि उल्टा जनता के आक्रोष पर कान पर डेली रखकर बैठा है। बिजली विभाग की लापरवाही से अब तक न जाने कितनी जाने या यू कहिए अकाल मौतें हो चुकी हैं।

घटना नम्बर 1 –  तारीख 16 अगस्त -राजेपुर क्षेत्र के ही गांव गांधी में टूटे तार की चपेट में आने से अशोक कुमार की मौत हो गयी थी।

घटना नम्बर 2 – तारीख 2 नवम्बर 2012.  को राजेपुर क्षेत्र के गांव जसूपुर गढि़या में विजय कुमार सिंह, उनके पुत्र सुखेंद्र सिंह व पुत्री जूली की जान जर्जर तारों की चपेट में आने से चली गयी थी। प्रशासन ने दिया था तो सिर्फ आश्वासन।

घटना नम्बर 3 – 12 सितम्बर को राजेपुर क्षेत्र के ही पूर्व सैनिक रामकिशन की भी एचटी लाइन के टूटे तार की चपेट में आने से मौत हो गयी थी। परिवार को सहायता के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिला।

[bannergarden id=”8″]

घटना नम्बर 4 – नबावगंज थाना क्षेत्र के ग्राम सिरोली में 21 अगस्त की रात एचटी लाइन का तार टूटने से दरबाजे पर बंधी अबधेश की भैंस मर गयी थी। उसको छुटाने के प्रयास में अबधेश के पुत्र अनुज को जान से हाथ धोना पड़ा था। हादसे में चार लोग करंट में झुलस भी गये थे।

घटना नम्बर 5 – ग्राम सिरोली में ही 7 सितम्बर  को हरिश्चंद्र राजपूत की विद्युत करंट से मौत हो चुकी है। लेकिन बिजली विभाग के कान पर अभी तक जू नहीं रेगा।

घटना नम्बर 6 – मोहम्मदाबाद में 28 अगस्त को संतोष कुमार सक्सेना , फतेहगढ़ के मोहल्ला तलैया लैन में रघुपाल सिंह, नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव गढि़या बबुरारा में 31 अक्टूबर को अभिनंदन सिंह उर्फ अभिनेंद्र की एचटी लाइन की चपेट में आकर मौत हो गई।

घटना नम्बर 7 -इसके अलावा शमसाबाद थाना क्षेत्र के गांव समसपुर भिखारी में 28 सितंबर को एचटी लाइन का तार टूटकर गिरने से राजेंद्र कुमार के 10 बीघा गन्ने के खेत में आग लग जाने से हजारों की फसल राख हो गई थी।

ऐसे ही एक हादसे में तकरीबन दो वर्ष पूर्व रखा तिराहा बनखड़िया में छत के ऊपर से निकले तार की चपेट में आने से एक ही परिवार के तीन लोग अकाल मौत का शिकार हो गये। लेकिन बिजली विभाग की जर्जर लाइनें हर तिराहे, चौराहे, गली मोहल्ले नुक्कड़ पर देखने को मिल जाती हैं। कहीं तारों में खम्भे की जगह लकड़ी की बल्ली लगी हैं तो कहीं तारों का मकड़जाल फैला है। दूसरी तरफ हाईटेंशन लाइनों के तार जमीन से छू कर गुजर रहे हैं। विभागीय अधिकारी आम जनता की सुरक्षा के लिए कितने चिंतित हैं यह तो जनपद में विद्युत विभाग की वायरिंग से ही पता चलता है।