FARRUKHABAD : जनपद के शिक्षकों को चार वर्षों से बोनस व छठे वेतन आयोग की 40 प्रतिशत की द्वितीय किस्त अभी तक न देने से अध्यापकों में रोष व्याप्त है। अध्यापकों ने कहा कि अगर होली तक उन्हें बोनस न दिया गया तो शिक्षक 31 मार्च को आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। इस सम्बंध में शिक्षकों ने वित्त एवं लेखाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है।
पूर्व माध्यमिक स्तर के अध्यापकों को 2008 से लेकर 11वें वित्त वर्ष का न तो अभी बोनस दिया गया और न ही छठे वेतन आयोग की 40 प्रतिशत द्वितीय किस्त ही प्रदान की गयी। समय-समय पर घोषित महंगाई भत्ते का अंतर, अवशेष भुगतान भी नहीं किया गया और न ही बड़े हुए वेतन का एरियर उपलब्ध है। जिसको लेकर शिक्षकों में रोष व्याप्त हो गया है। शिक्षकों का आरोप है कि लिपिकीय कार्यप्रणाली के कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है। बढ़पुर ब्लाक में इस समय पांच लिपिक तैनात हैं और 180 अध्यापक सेवारत तो वहीं अन्य ब्लाकों में लगभग एक लिपिक पर 300 अध्यापक बताये गये हैं। इसके बावजूद भी शहर क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक स्तर के अध्यापकों को बोनस व एरियर नहीं मिल पा रहा है।
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विभागीय कार्यवाही की बात करें तो 27 फरवरी को वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा साहित्य कटियार ने नगर शिक्षा अधिकारी प्रवीन शुक्ला को नोटिस जारी किया था। जिसमें वित्त एवं लेखाधिकारी ने बोनस व ऐरियर सम्बंधित अभिलेखों को उनके कार्यालय में जांच हेतु प्रस्तुत करने की बात कही थी। लेकिन अभी तक नगर शिक्षा अधिकारी ने इसमें कोई भी संज्ञान नहीं लिया है। आक्रोषित राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष संजय तिवारी के नेतृत्व में शिक्षकों ने वित्त एवं लेखाधिकारी को पुनः शिकायतीपत्र दिया है। वित्त एवं लेखाधिकारी ने पुनः नगर शिक्षा अधिकारी के लिए कार्यवाही के आदेश किये हैं। ज्ञापन देने वालों में संगठन के नगर अध्यक्ष पी आर सिंह कश्यप, जिला मंत्री नरेन्द्र पाल सिंह भी मौजूद रहे। इस सम्बंध में संजय तिवारी ने बताया कि लिखित शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल व जिलाधिकारी पवन कुमार से भी की गयी।
इस सम्बंध में वित्त एवं लेखाधिकारी साहित्य कटियार ने बताया कि मामले के सम्बंध में नगर शिक्षा अधिकारी को कई बार पत्रांक दिये गये। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। मामले के सम्बंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल से कार्यवाही की बात कही जायेगी।
इस सम्बंध में नगर शिक्षा अधिकारी प्रवीन शुक्ला ने जेएनआई को बताया कि वर्ष 2008 का एक बिल गलत हो गया था। जिसको लेकर उसके बाद के बिल पास नहीं हो सके। लेकिन अब मामले को सुधार लिया गया है। शिक्षकों की समस्या के सम्बंध में बिल तैयार रखे हैं, जिन्हें दो दिन के अंदर पास कराकर शिक्षकों की समस्या का निराकरण कर दिया जायेगा।