नई दिल्ली: कभी समाजवादी पार्टी के सबसे रसूखदार नेता रहे अमर सिंह को आज अपने उत्तर प्रदेश में ही सबसे अधिक खतरा है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस प्रदेश में जेड प्लस सुरक्षा देने की गुहार की और उसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि अन्य राज्यों में उन्हें जेड स्तर की सुरक्षा हासिल होगी। सरकार ने सपा से संभावित तकरार और अलगाव को देखते हुए बसपा नेताओं से भी मैत्री भाव बनाए रखने के लिए उसके महासचिव सतीशचंद्र मिश्रा के बाद उसके एक अन्य कद्दावर नेता ब्रजेश पाठक को भी जेड प्लस सुरक्षा देने का निश्चय किया है। सूत्रों के मुताबिक अमर सिंह को सरकार अपने चुनावी गणित के लिहाज से उप्र में सक्रिय रखना चाहती है। लेकिन अमर सिंह को शायद यह डर है कि सपा और उसके नेताओं के खिलाफ विद्रोही तेवर के कारण पार्टी कार्यकर्ता उन पर हमला कर सकते हैं। यह चिंता जब उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से व्यक्त की तो सरकार ने उन्हें उप्र में जेड प्लस सुरक्षा देने की संस्तुति दे दी।
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असल में सरकार चाहती है कि अमर सिंह आम चुनाव के समय अधिक से अधिक समय उत्तर प्रदेश में दें। ऐसा होने पर वह सपा के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे और उसमें कांग्रेस अपना लाभ देख रही है। यही नहीं, अमर सिंह को उप्र में जेड प्लस सुरक्षा देने और या अन्य कसी मसले पर सपा से अनबन की स्थिति में तैयार रहने के लिए यूपीए सरकार बसपा से भी रिश्ते स्थिर बनाए रखना चाहती है। इस क्रम में पहले बसपा को लुटियन दिल्ली में कार्यालय के लिए जमीन आवंटित की गई और उसके बाद इसके महासचिव सतीशचंद्र मिश्रा को जेड प्लस सुरक्षा दी गई। उस क्रम को आगे बढ़ाते हुए बसपा सांसद ब्रजेश पाठक को भी जेड प्लस की भी दी गई है। रोचक यह है कि पूर्व में सरकार वीआईपी सुरक्षा में कटौती के नाम पर लालू प्रसाद और मुलायम की सुरक्षा घटाने का विचार कर चुकी है। यही नहीं, इस मसले पर संसद के अंदर-बाहर सबसे अधिक अमर सिंह ने ही हो-हल्ला किया था और कहा था कि नेताजी (मुलायम सिंह) की सुरक्षा घटाई गई तो सपा देशव्यापी आंदोलन करेगी। उसके बाद सरकार ने अपने कदम रोक लिए थे।