नई दिल्ली: अब जनता को सरकारी महकमों में होने वाली लेटलतीफी का सामना नहीं करना पड़ेगा और अगर ऐसा होता है तो संबंधित विभाग को उपभोक्ता को तय जुर्माना राशि अदा करना होगा। कामचोर अधिकारियों और कर्मचारियों और बिना घूस के काम न करने वालों की अब खैर नहीं होगी| ये केंद्र और राज्य दोनों की सेवायों पर अनिवार्य रूप से लागू होगा| जनता से जुडी सेवाओं जैसे पैन कार्ड, पासपोर्ट, जन्म म्रत्यु प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र और राशनकार्ड कार्ड जैसी सरकारी सेवाएं इसके दायरे में होगी|
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को सिटीजन चार्टर्ड के अंतर्गत तय समय-सीमा में सेवा देने संबंधी बिल को मंजूरी दे दी। काफी लंबे समय से यह बिल खटाई में पड़ा हुआ था और विपक्षी पार्टियां इसे लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रही थी।
सूत्रों के मुताबिक निश्चित समय में काम पूरा करने संबंधी बिल को अंतत: कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। इस बिल को मंजूरी मिलने के साथ ही अब सरकारी संस्थानों, महकमों या फिर अन्य सेवाओं में यदि तय वक्त पर काम नहीं हुआ तो उन्हें अपने उपभोक्ताओं को जुर्माने का भुगतान करना होगा। हालांकि जुर्माने की राशि कितनी होगी, यह अभी तय नहीं किया गया है।
जुर्माना कितना लगाया जाएगा और उसका स्वरूप कैसा होगा इस संबंध में गृह, कार्मिक और कानून मंत्रालय जल्द ही अधिकारिक घोषणा करेंगे।
गौरतलब है कि साल 2012 में अन्ना हजारे ने भी सरकार को प्रस्तावित जन लोकपाल बिल में सिटीजन चार्टर (नागरिक घोषणा पत्र) को शामिल करने की बात कही थी, ताकि जनता को सरकारी लेटलतीफी से छुटकारा मिल सके और सरकारी को भी अपना कर्तव्यबोध हो।
वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्य अरुणा रॉय ने भी प्रस्तावित नागरिक शिकायत निवारण विधेयक का स्वागत किया था और कहा था कि सरकार के कामकाज से संबंधित जनता की शिकायतों के निवारण के लिए एक स्वतंत्र विधेयक जरूरी है।