आपकी सीएम होती तो क्या करती : अखिलेश

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VidhanSabha_21360लखनऊ : नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा मंगलवार को भी विधानसभा में कुंडा कांड को उठाए जाने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा लोकतंत्र पर भरोसा है। शहीद सीओ के देवरिया स्थित घर जाने का सदन में जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी तो दुख बांटने के लिए घर-परिवार में जाते ही हैं लेकिन अगर आपकी मुख्यमंत्री (मायावती) होती तो क्या करतीं? मौर्य की ओर देखते हुए अखिलेश ने कहा कि वह तो पास मे ही रहते थे लेकिन कैसे-कहां मिल पाते थे? सुरक्षा के लिए लगाए गए कैमरों में सब कुछ है। मौर्य द्वारा लगाए गए आरोप कि ‘प्रदेश जल रहा है’ पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि नेता विपक्ष को कैसे घर बैठे पता चल रहा है कि यूपी जल रहा है?

दोषी पुलिस वाले होंगे बर्खास्त : आजम

इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री मुहम्मद आजम खां ने देवरिया में मुख्यमंत्री के साथ हुए व्यवहार को ठीक न मानते हुए नेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपके दल के लोगों ने वहां कैसा माहौल बना रखा था? लाश पर सियायत हो रही थी। उससे फायदा उठाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। सीओ की पत्नी के मांग पत्र को दिखाते हुए आजम ने उस पर हुई कार्रवाई का हवाला दिया और कहा कि कानूनी प्रक्रिया अपनाकर दोषी पुलिस वालों को बर्खास्त भी किया जाएगा। आजम ने कहा कि इस मामले में राजनीति से हटकर मानवता के आधार सरकार ने जो कार्रवाई की है उससे बसपा के मंसूबे पूरे न पाने से ही नेता प्रतिपक्ष द्वारा सदन में यह बातें कहीं जा रही है।

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सदन नियमों से चलेगा न कि ध्वनि बल से

मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय को तब यह कहना पड़ा जब नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने जोरदार आवाज में कहा कि सदन को तब तक नहीं चलने दिया जाएगा जब तक सरकार कुंडा कांड के हत्यारों की गिरफ्तारी का आश्वासन नहीं देती। मौर्य ने कहा कि प्रदेश जल रहा है। सोमवार को मुख्यमंत्री को भी देवरिया में जनाक्रोश झेलना पड़ा। मौर्य को बोलते देख, भाजपा के हुकुम सिंह व कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि फिर तो उन्हें भी बोलने का मौका दिया जाए। हुकुम सिंह ने मौर्य के तेज बोलने पर कहा कि ईश्वर की कृपा है कि आप को ज्यादा तेज आवाज दी है लेकिन सदन ऐसे ही चला तो हम लोग कहां जाएंगे? इस पर अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जिस पर एक बार चर्चा हो चुकी हो उस पर उसी सत्र में दोबारा चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सदन, शक्ति बल, संख्याबल या आवाज के बल पर नहीं बल्कि नियमों से चलेगा।