लखनऊ। अखिलेश सरकार में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी चुस्त नहीं हो पा रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये अधिकारी काम करें तो कैसे करें। अखिलेश की सरकार तो दबंगों, और आरोपी मंत्रियों से भरी पड़ी है। हालत ये है कि दागी का ठप्पा लगा होने के बावजूद ये अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। आरोप है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव वक्त-वक्त पर इल्जाम लगे होने के बावजूद दागियों को अपने मंत्रिमंडल में भी बेधड़क जगह दे देते हैं।
फिर से मंत्री बने दिनेश सिंह उर्फ पंडित सिंह को मिला दिया जाए तो अखिलेश मंत्रिमंडल में तकरीबन 20 ऐसे चेहरे सामने आते हैं जिनपर कई संगीन आरोप हैं। अखिलेश के कैबिनेट रैंक में ही कई ऐसे नाम है जो आरोपों के कठघरे में हैं इनमें रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, पारसराम यादव, दुर्गा प्रसाद यादव, राजा राम पांडेय, बलराम यादव, वकार अहमद शाह, राजा अरिदमन सिंह का नाम शामिल है।
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पिछले साल दिसंबर महिने में राज्य मंत्री का पद पाए केसी पांडेय के खिलाफ यूपी पुलिस ने एक स्टिंग किया। आरोप है कि इस स्टिंग में पांडेय पशु तस्करों की पैरोकारी कर रहे थे। आरोप ये भी है कि पांडे ने अफसरों को पैसे भी भिजवाएं। लेकिन अखिलेश लगातार इस सच से मुंह छुपाते रहे। फिर ईमानदारी की सजा के तौर पर गोंडा के एसपी नवनीत राणा का ही तबादला कर दिया गया। आज भी अखिलेश अपनी ही पुलिस के इस स्टिंग को मानने के लिए तैयार नहीं है।