FARRUKHABAD : आरटीआई एक्टिविस्ट और शिक्षक आनंद प्रकाश सिंह राजपूत की हत्या के मामले में एक चिकित्सक के मोबाइल फोन के इस्तेमाल की पुष्टि हो गयी है। पुलिस ने बर्खास्त शिक्षक के घर से बरामद बाइक की पहचान भी चश्मदीदों से करायी है। प्रथम चरण की पूछताछ के उपरांत विगत कई दिनों से थाना मऊदरवाजा में रखे गये आरोपियों को वापस मोहम्मदाबाद भेज दिया गया है। घटना में नामजद कई आरोपियों पर कतिपय कारणों से हाथ डालने से पुलिस अभी भी कतराती दिख रही है।
विदित हो कि बीते 7 फरवरी को श्याम नगर निवासी आनंद प्रकाश सिंह की हत्या उनके तैनाती वाले विद्यालय रामनगर कुड़रिया से कुछ कदम दूरी पर ही गोली मार कर दी गयी थी। हत्या के मामले में उनके भाई सुनील कुमार सिंह ने फर्जी शिक्षकों, विभागीय कर्मचारियों एवं शिक्षक नेताओं सहित 14 लोगों के खिलाफ शक के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के 20 दिन बाद भी पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर सकी है।
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हत्या के सम्बंध में पूछताछ के लिए लाये गये बर्खास्त शिक्षक राजनरायन शाक्य, बर्खास्त शिक्षामित्र कौशलेन्द्र सिंह व उसके भाई को प्रथम चरण की पूछताछ के बाद पुलिस ने थाना मऊदरवाजा से वापस मोहम्मदाबाद भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व शिक्षामित्र शशी ओझा व सहायक अध्यापिका कांती राठौर से भी पुलिस पूछताछ कर चुकी है। परन्तु घटना में नामजद अनेक संदिग्ध आरोपियों पर हाथ डालने से पुलिस अभी भी कतराती नजर आ रही है। विदित है कि आनंद प्रकाश सिंह की आरटीआई गतिविधियों के चलते कांती राठौर, उसके देवर एवं देवरानी के अतिरिक्त नरेन्द्र पाल व श्रवण कुमार, देवेन्द्र सिंह सहित कई फर्जी शिक्षकों की नौकरी केवल बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ही बची थी। हत्या के लिए मजबूत कारण उपलब्ध होने के बावजूद पुलिस फिलहाल ऐतिहात से काम लेती दिख रही है।
घटना की तफ्तीश से जुड़े पुलिस सूत्रों के अनुसार मोहम्मदाबाद के ग्राम मतापुर निवासी एक चिकित्सक के मोबाइल फोन के दुरुपयोग की पुष्टि हो गयी है। इसके अलावा पुलिस ने बर्खास्त शिक्षक राजनरायन शाक्य के भाई राधेश्याम के घर से बरामद हीरोहोण्डा अचीवर बाइक संख्या यूपी 76एफ 2658 की घटना के चश्मदीदों से शिनाख्त की कवायद की है। परन्तु अंतिम रूप से पुष्टि के लिए अभी वास्तविक शूटरों की गिरफ्तारी का इंतजार है।