गरिमा, अस्‍मिता और मर्यादा की सीमा रेखा पर भी सवाल

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3 4 5फर्रुखाबाद: सिटी पब्लिक महिला डिग्री कालेज फतेहगढ़ में शिक्षा द्वारा महिला सशक्तीकरण:भ्रम या वास्तविकता विषय पर दो दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के समापन अवसर पर महिला सशक्तीकरण के लिए गुणात्मक शिक्षा पर बल देने की आवश्यकता के अलावा गरिमा, अस्‍मिता और मर्यादा की सीमा रेखा पर भी सवाल उठे। कालेज के सातवें वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में आये उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अंजनि कुमार ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन करके किया। वार्षिकोत्सव में विद्यालय छात्राओं द्वारा रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये।

कालेज में दो दिन तक चली संगोठी में उभर कर आया कि ग्रामीण एवं पिछड़े अंचलों में महिलाओं की जागरूकता में गैर सरकारी संगठनों को आगे आने की आवश्यकता है। महिला शिक्षा निःशुल्क एवं सुलभ होनी चाहिए। सशक्त एवं शिक्षित स्त्रियों को स्वयं आगे आना होगा, महिला शक्तीकरण के लिए पहल करनी पड़ेगी। महिलाओं को अपनी गरिमा, अस्मिता, मर्यादा एवं सीमारेखा को स्वयं निर्धारित करना होगा। शिक्षा में नैतिक मूल्यों के विकास के लिए पाठयक्रम में परिमार्जन के साथ-साथ इनके प्रयोगात्मक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए। दिल्ली में दामिनी दुष्कर्म के उपरान्त गठित की गयी जेएस वर्मा कमेटी की संस्तुतियों को न केवल कानून की धाराओं में शामिल किया जाये वल्कि उनका व्यवहारिक क्रियान्वयन करने का मार्ग प्रसस्त होना चाहिए।

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इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि जिला जज फर्रुखाबाद दिलीप कुमार यादव, डीएम पवन कुमार, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड लखनऊ के निदेशक वासुदेव यादव, सीएसजेएमयू के सैय्यद वकार हुसैन, अशोक खरे वरिष्ठ एडवोकेट, चंदन कुमार, डा0 सत्तीनाथ चौधरी, प्रो0 विलियम पैटरसन, डा0 वेसा असिकिनन पर्यावरण विज्ञानी फिनलैण्ड का कालेज के संस्थापक सचिव विजय सिंह विद्रोही कालेज के सचिव लाल सिंह यादव, मधुसूदन यादव, मीनाक्षी यादव, अल्पना यादव, गौरव यादव, सुधीर यादव ने बुके प्रदान कर व माल्यार्पण कर किया।

समारोह में एसडीएम तिर्वा, एसडीएम छिबरामऊ, एसडीएम सदर, सीओ सिटी फर्रुखाबाद, अमीन भाई, निजी सचिव सीएसजेएमयू अरविंद कुमार, पुष्पराज जैन, विमलेश मिश्रा, पं0 प्रेम शुक्ला, मास्टर श्रीराम आदि मौजूद रहे।