आरोप- मंत्री ने वक्फ सम्पत्ति पर कब्जे में बाधक इमाम को अश्लील सीडी मामले में SOG से उठवाया ??

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a1फर्रुखाबाद: सपा सरकार में होमगार्ड राज्य मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव के विरुद्व शनिवार को अल्पसंख्यकों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि राज्य मंत्री करोड़ों रुपये की वक्‍फ संपत्‍ति पर अवैध रूप से कब्‍जा करना चाहते हैं। उन्होंने अपनी पत्नी श्यामादेवी के नाम से किये जा रहे अवैध कब्जे में बाधक बन रहे सम्पत्ति के प्रबंधक व मस्जिद के पेश इमाम राहत अली को एसओजी प्रभारी नन्हेंलाल यादव के सहयोग से अश्लील सीडी डाउनलोडिंग के मामले में गिरफ्तार कराया। प्रतिनिधि मण्डल ने वक्फ सम्पत्ति की सुरक्षा के साथ ही नन्हेंलाल के विरुद्व कार्यवाही की भी मांग की है।

विदित है कि विगत 13 फरवरी को तत्कालीन एसओजी प्रभारी नन्हेंलाल यादव ने फतेहगढ़ स्थित राहत अली की टेलरिंग की दुकान पर छापा मारकर उनको व उनके नाबालिग पुत्र अशद को न केवल दुकान से उठा लिया वल्कि दुकान में रखे लगभग 40 हजार रुपये नगद व अन्य सामान भी अपने साथ ले गये। बाद में दोनो का कापी राइट एक्ट की धाराओं में दो दिन बाद चालान कर दिया। प्रकरण प्रथम दृष्टया कमजोर होने के कारण न्यायालय ने दोनो को जमानत पर छोड़ दिया था।

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प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि राहत अली फतेहगढ़ स्थित शिया इमामबाड़ा व मस्जिद और उससे सम्बद्ध वक्फ सम्पत्ति की देखभाल करते हैं। उक्त वक्फ सम्पत्ति पर राज्य मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव अपनी पत्नी श्यामादेवी के नाम से कब्जा करने का कई बार प्रयास कर चुके हैं। नरेन्द्र सिंह यादव ने अपनी पत्नी श्यामादेवी के नाम पर एक अनपढ़ गरीब महिला जोहरा बेगम को प्रतिवादी बनाकर न्यायालय में मुकदमा दायर किया व कुछ ही तारीखों के उपरांत वादी और प्रतिवादी ने सुलहनामा के आधार पर श्यामादेवी के नाम पर डिक्री आदेश प्राप्त कर लिया है। उक्त डिक्री के आधार पर जब श्यामादेवी ने नगर पालिका में अपना नाम दर्ज कराने व कब्जे की कोशिश शुरू की तब लोगों को यह जानकारी हुई। वक्फ के मुतबल्ली सैय्यद मोहम्मद रजा व मुख्तार राहत अली को उपरोक्त घटना के बारे में सूचित किया तो मुतवल्ली की ओर से उक्त डिक्री को शून्य घोषित करने के लिए न्यायालय में वाद दायर किया गया। तब से यह वाद न्यायालय में विचाराधीन है। जिसकी पैरवी राहत अली करते हैं। राहत अली ने बताया कि उनको गुन्डों व पुलिस के माध्यम से कई बार धमकियां भी दिलवायी गयीं। जिससे कि वह मुकदमें की पैरवी करना छोड़ दें।

ज्ञापन में कहा गया है कि उक्त वक्फ सम्पत्ति पर अवैध कब्जे के प्रयास में ही वक्फ के मुतवल्ली के मुख्तार व मस्जिद के इमाम राहत अली का अश्लील धाराओं में चालान कराने की साजिश की गयी।