AMRITSAR INDIA : तीन दिनों के भारतीय दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कोहिनूर हीरे को भारत को लौटाए जाने की मांग को एक बार फिर खारिज कर दिया है। भारत यात्रा के अंतिम दिन कैमरन ने कहा कि कोहिनूर हमारा है और हम लौटाने पर यकीन नहीं करते। 105 कैरेट का कोहिनूर हीरा आज भी लंदन टावर में लोगों के देखने के लिए रखा गया है।
दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक 105 कैरेट के कोहिनूर हीरे को 19वी सदी में भारत से ब्रिटेन तब ले जाया गया था, जब भारत पर अंग्रेज़ों का क़ब्ज़ा था| महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा था कि ब्रिटेन को अपने औपनिवेशिक अतीत के पश्चाताप के तौर पर कोहिनूर को लौटा देना चाहिए। तुषार के अलावा कई भारतीयों ने भी ब्रिटेन से मांग की थी कि वो कोहिनूर हीरा भारत को लौटा दे लेकिन कैमरन ने कहा है कि कोहिनूर हीरा उनका है और वह इसे किसी दूसरे देश को लौटाना नहीं चाहेंगे।
कैमरन ने उनकी मांग को ख़ारिज करते हुए कहा, ”मुझे नहीं लगता कि ये सही तरीक़ा है| यह तो उसी तरह का सवाल है, जैसा कि ऐल्गिन मार्बल का है। इसका सही जवाब तो ब्रिटिश कल्चरल इंस्टिट्यूशन ही दे पाएंगे लेकिन जहां तक मेरा मानना है कि मैं रिटर्निजम (चीजों को वापस लौटाने) में विश्वास नहीं करता हूं। मेरा मानना है कि यह समझदारी का काम नहीं है।”दरअसल, ऐल्गिन मार्बल क्लैसिकल ग्रीक मार्बल है, जिसे यूनान से इंग्लैंड लाया गया था और सालों से ग्रीस इस मार्बल को वापस मांग रहा है।
कैमरन ने यह बात अमृतसर में कही। उन्होंने जलियांवाला बाग का भी दौरा किया, जहां 1919 में ब्रिटिश सैनिकों ने सैकड़ों भारतीय लोगों को गोलियों से भून दिया था। कैमरन जलियांवाला बाग आने वाले पहले ब्रिटिश पीएम हैं। जलियांवाला बाग हत्याकांड को शर्मनाक बताते हुए कैमरन ने शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि भी दी| अपनी भारत यात्रा के अंतिम दिन कैमरन ने कहा कि कोहिनूर हमारा है और हम लौटाने पर यकीन नहीं करते।
कोहिनूर पिछले डेढ़ सौ वर्षों से ब्रिटेन के शाही रत्न भंडार में रखा हुआ है। भारत की किसी खदान से निकले कोहिनूर हीरे को ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1849 में अपने कब्ज़े में लेने के बाद उसे उपहार के तौर पर महारानी विक्टोरिया को दे दिया था। भारत लंबे समय से 105 कैरेट के इस हीरे को वापस किए जाने की मांग करता रहा है। कोहिनूर हीरे को अंतिम बार महारानी एलिज़बेथ की मां ‘क्वीन मदर’ ने पहना था। 2002 में क्वीन मदर के निधन होने के बाद कोहिनूर को उनके ताज के साथ उनके ताबूत पर रखा गया था।