यहां करोड़ों की सैलरी पर भी टैक्स जीरो, फ्री में पढ़ता है पूरा देश

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हर साल इनकम टैक्स भरने का जब यह समय आता है तो हर कोई टैक्स रिटर्न भरने के लिए लाइन लगाए रखता है। गुरुवार से संसद में बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी इनकम टैक्स भरने वाले करदाता इसमें कुछ राहत की उम्मीदें संजोए हुए हैं। मार्च आते ही उन्हें इनकम टैक्स का ब्योरा देना एक बड़ा भारी बोझिल काम महसूस होता है। इनकम टैक्स के लिए ब्योरा देना भी उसके लिए बड़ा सिरदर्द होता है।

तेजी से बढ़ती महंगाई दौर में अगर सरकार थोड़ी-सी भी राहत दे तो इन करदाताओं के लिए यह किसी बड़ी खुशी से कम नहीं होगा। भारत जैसे देश में इनकम टैक्स सरकार की आय का एक बड़ा जरिया है, जबकि दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां के लोगों को इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता। ये देश टैक्स हेवेन कंट्री के नाम से भी जाने जाते हैं। इन देशों के बारे में सुनकर आयकर भरने की परेशानी झेल रहा आम आदमी जरूर एक बार कल्पना करेगा कि काश मैं भी इन टैक्स हेवेन कंट्री का निवासी होता।

1- संयुक्त अरब अमीरात
यहां व्यक्तिगत आय को अनुमानित नहीं किया जाता है। प्रवासी इम्पलॉई यूईए के सोशल इंश्योरेंस में कोई योगदान नहीं देते। यूईए के नागरिक मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 12.5 फीसदी इम्प्लाई की बेसिक सैलरी और अलाउंस (निजी क्षेत्र के कर्मचारी) और 15 फीसदी हिस्सा सरकारी कर्मचारी के वेतन और अलाउंस से जमा किया जाता है। कर्मचारी को अपने कुल मासिक पारिश्रमिक का पांच फीसदी का योगदान देना होता है। यहां विदेशी बैंक और विदेशी तेल कंपनियों के कैपिटल गेन इनकम पर साधारण बिजनेस टैक्स ही लगाया जाता है।
2 कतर
कतर के स्थानीय कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा पांच फीसदी की दर से लगता है और स्थानीय निवासियों के लिए 10 फीसदी लगता है, लेकिन यहां पर किसी भी व्यक्ति या कर्मचारी पर आयकर, डिविडेंड, कैपिटल गेन्स व धन या संपत्ति के ट्रांसफर पर कोई टैक्स नहीं है।
3- ओमान

ओमान एक तेल उत्पादक देश है। यहां पर भी किसी व्यक्ति की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। यह देश भी टैक्स हेवेन देशों की श्रेणी में शामिल है।
4- कुवैत

.यहां के टैक्स कानून के मुताबिक हर नागरिक को आयकर से मुक्ति मिली हुई है। हालांकि, सामाजिक सुरक्षा में योगदान देना न केवल सरकारी और निजी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है, बल्कि हर नागरिक को भी यह देना होता है।
5- कैमैन आइलैंड
कैमैन आइलैड में एक ऐसा देश है, जहां न तो किसी को पर्सनल इनकम टैक्स देना होता है और न ही सामाजिक सुरक्षा के लिए फंड में योगदान। हालांकि, यहां की नेशनल पेंशन लॉ के मुताबिक प्रत्येक नियोक्ता को अपने कर्मचारी के लिए एक पेंशन स्क्रीम चलानी होती है, जिसमें वे प्रवासी भी शामिल हैं, जो लगातार नौ माह से यहां काम कर रहे हैं।
6- बहरीन
बहरीन में कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है, हालांकि सोशल इंश्योरेंस और इम्प्लायमेंट टैक्स जरूर लगता है। बहरीन के नागरिकों को सोशल इंश्योरेंस टैक्स अपनी कुल आय का सात फीसदी देना देना होता है। बहरीन में नियोक्ता को अपने कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कर 12 फीसदी की दर से जमा करना होता है।
7- बरमूडा
इस छोटे-से देश में भी कोई पर्सनल इनकम टैक्स नहीं देना होता। नियोक्ता द्वारा एक पे-रोल टैक्स 14 फीसदी की दर से देना होता है। पे-रोल टैक्स का एक हिस्सा 5.25 फीसदी की दर नियोक्ता की सहमति से सरकार कर्मचारी से वसूली कर सकती है।
8- बहमास

बहमास में भी कोई इनकम टैक्स नहीं है। यहां कैपिटल गेन, उत्तराधिकार या गिट टैक्स भी नहीं देना होता। यहां रियल इस्टेट एक्जीविशन टैक्स (स्टांप ड्यूटी) और होल्डिंग टैक्स (रियल प्रॉपर्टी टैक्स ) लागू है।
9 – सउदी अरब
सउदी अरब में वेतन पर कोई टैक्स नहीं है। हालांकि, स्वयं का व्यवसाय करने वाले प्रवासियों पर 20 फीसदी टैक्स लगता है। यहां पर किसी भी तरह का किसी व्यक्ति पर अन्य कोई टैक्स लागू नहीं है।
10 – ब्रुनई दारुस्सलाम

ब्रुनई दारुस्सलाम में किसी भी तरह का व्यक्तिगत आयकर नहीं देना होता। यहां एक इम्प्लाई ट्रस्ट फंड और सप्लीमेंटल कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम है। यहां अन्य कोई इंडिविजुअल टैक्स नहीं है।