विरोधाभासी सहानभूति: आनंद हत्याकाण्ड में ज्ञापनों की राजनीति

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file photo anand rajputफर्रुखाबाद: आरटीआई एक्टिविस्ट और शिक्षक आनंद प्रकाश सिंह राजपूत की दिन दहाड़े गोली मारकर की गयी हत्या के 10 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक खुलासा तो दूर पुलिस किसी संदिग्ध की गिरफ्तारी तक नहीं कर सकी है। इस दौरान आनंद हत्याकाण्ड पर ज्ञापनों और वयानों का दौर जारी है। जिनमें विरोधाभासी सहानभूति की बू भी आ रही है। शिक्षक संघ और नेता पुलिस पर यूं तो खुलासे का दबाव डालते नजर आते हैं परन्तु बीच में ही ‘‘सही खुलासे” की चेतावनी भी देते नजर आते हैं। उल्लेखनीय है कि आनंद हत्याकाण्ड में दर्ज एफआईआर में कई शिक्षक नेता व चर्चित नामभी संदिग्धों की सूची में शामिल हैं।

सोमवार को पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ व माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षकों ने फतेहगढ़ बीएसए कार्यालय में स्थित शिक्षक भवन में पहले एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में शिक्षकों ने मांग उठायी कि 10 दिन बाद भी आनंद हत्याकाण्ड में पुलिस द्वारा कोई खुलासा नहीं किया गया। जिसके बाद शिक्षक राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, नरेन्द्र सिंह राजपूत, राजीव गंगवार, रामनिवास यादव, भूपेश पाठक, राजीव गंगवार ने खुलासे की मांग को लेकर ए एसपी ओमप्रकाश सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के दौरान  एएसपी ने तीन दिन के अंदर शिक्षकों को घटना का खुलासा करने का भरोसा दिया तो शिक्षक नेताओं को शायद बात पचती नजर नहीं आयी तो शिक्षक नेताओं ने सात दिन का समय अपनी तरफ से देते हुए कहा कि यदि खुलासा ठीक नही हुआ तो वह पूर्व में दिये गये ज्ञापनों के आधार पर आंदोलन करेंगे।

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मामला शिक्षक नेताओ व कर्मचारियों के फंसने का होने से शिक्षकों द्वारा आनंद हत्याकाण्ड पर राजनीति करते साफ नजर आ रहे हैं। यही बजह है कि आनंद हत्याकाण्ड की स्थिति पुलिस की नजर में  साफ होने के बाद भी अब तक किसी भी संदिग्ध को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। वहीं इस सम्बंध में राजनीतिक दल भी ज्ञापन देने व वयान देने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। सोमवार को भी उर्मिला राजपूत व लोधी समाज ने आनंद हत्याकाण्ड का शीघ्र खुलासा करने की मांग की। जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक ने तीन दिन के अंदर खुलासा करने का भरोसा दिया है।

हत्याकाण्ड के सम्बंध में बार एसोसिएशन की तरफ से भी ज्ञापन सौंपा गया। बार एसोसिएशन के महासचिव संजीव पारिया व अध्यक्ष विपनेश शाक्य ने ज्ञापन सौंपकर मांग की कि आनंद हत्याकाण्ड का शीघ्र खुलासा किया जाये। शीघ्र खुलासा न करने पर वह आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।