फर्रुखाबाद: सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया व उनके शिष्य हजरत अमीर खुसरो के जश्न ए बसंत पर गंगा जमुनी तहजीब साफ नजर आयी। कब्बालों ने भी खूब समा बांधा और बसंत गीत सुनाते हुए कहा कि आई बसंत बहार, पिया रंग चूनर हमरी।
बसंत ऋतु का मौसम हिन्दू संस्कृति में ऋतुओं का राजा कहा जाता है। हर तरफ हरियाली छटा और पेड़ पौधे पीले हो जाने से अनायास ही मन पुलकित हो जाता है। प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी निजामुद्दीन औलिया का जश्न ए बसंत धूमधाम से मनाया गया। जिसमें दिलावर जंग से गंगा जमुनी तहजीब से सराबोर जुलूस चिलपुरा स्थित पप्पन शाह वारसी सत्तारी के चिलपुरा पर समाप्त हुआ। जिसमें मौलाना फजरुल्लो रहमानी, हजरत बारिश अली शाह, हजरत बाबा सत्तार शाह रहमानी मिर्जा असरफ अली शाह आदि संतों का जश्न ए बसंत मनाया गया। कार्यक्रम में अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ, संजय गर्ग, पप्पन मियां, सादिक वारसी, कल्लू भाई आदि मौजूद रहे।