फर्रुखाबाद: विगत गुरुवार को आरटीआई एक्टिविस्ट एवं शिक्षक आनंद प्रकाश सिंह की उनके स्कूल से चंद कदम की दूरी पर दिन दहाड़े गोली मार कर की गयी हत्या के मामले में पुलिस अब आनंद के परिजनों द्वारा सौंपी गयी उनकी फाइलों में सर खपा रही है। इन लगभग एक दर्जन फाइलों में दफ्न राज पुलिस के लिए भी हैरानी का सबब है। इन पत्रावलियों में आनंद व उनके कई सहयोगियों द्वारा विभिन्न लोगों के विषय में मांगी गयी सूचनाओं का पिटारा बंद है। सूत्रों की मानें तो इन्हीं फाइलों में बेसिक शिक्षा विभाग के कई कर्मचारियों, शिक्षक नेताओं और अनेक फर्जी शिक्षकों का कच्चा चिट्ठा दफ्न है।
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विदित है कि विगत 7 फरवरी गुरुवार को आनंद प्रकाश सिंह की मोहम्मदाबाद के ग्राम रामनगर कुड़रिया में उनकी तैनाती के स्कूल से चंद कदम की दूरी पर दिन दहाड़े बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के चार दिन बाद भी पुलिस अभी तक घटना का खुलासा नहीं कर पायी है। घटना के सम्बंध में दर्ज एफआईआर के नामजद संदिग्धों की काल डिटेल और आनंद के मोबाइल की काल रिकार्डिंग के आधार पर पुलिस छानवीन में जुटी है। सूत्रों की मानें तो पुलिस काफी हद तक हत्या में प्रयुक्त बाइक, हत्यारों और साजिश में सम्मलित लोगों तक पहुंच गयी है। अंतिम निर्णय से पूर्व पुलिस एक बार फिर अपना होमवर्क पूरा कर लेना चाहती है। फिलहाल पुलिस आनंद के परिजनों द्वारा उपलब्ध करायी गयी उनकी फाइलों के साथ माथापच्ची कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इन फाइलों में फर्जी शिक्षकों के अतिरिक्त बेसिक शिक्षा के कर्मचारियों और शिक्षक नेताओं का भी काला चिट्ठा दफ्न है। पुलिस अब आरटीआई के अन्तर्गत मांगी गयी सूचनाओं के निहितार्थ तलाशने और उनके साथ आगे बढ़ने की रणनीति पर काम कर रही है। नये कप्तान के आगमन पर मामले का खुलासा होने की संभावना है।