वरुण गाँधी पर भारी मेजर सुनील का भाषण

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Farrukhabad: भाजपा के स्टार प्रचारको की श्रेणी में शुमार वरुण गाँधी को भाषण कला में मेजर सुनील द्विवेदी ने पछाड़ दिया| जिन मुद्दों को सुनने के लिए स्थानीय जनता जुटी थी, निराश नजर आई| वरुण गाँधी कौन है पर आम महिलाओं में वरुण गाँधी को “इंदिरा का पोता” होने से परिचय देते देखा गया| 3 लाइनों में केवल माया मुलायम की सम्पत्ति पर टिपण्णी और सपा सरकार की नाकामियों को गिनाने के सिवा कुछ नहीं था| प्रदोंन्ति में आरक्षण के खिलाफ वरुण गाँधी की बात पार्टी लाइन से अलग हटकर है| वे जात पात और आरक्षण की राजनीति के खिलाफ विचार रखते है| वे कहते है कि आरक्षण से योग्यता का तिरस्कार होता है| मगर उनकी ही पार्टी प्रदोंन्ति में आरक्षण के मुद्दे पर संसद में समर्थन देती है| कांग्रेस के खिलाफ उनके भाषण में कुछ भी नहीं निकला| मायावती के विरुद्ध बोलने पर भी वरुण गाँधी ने केवल औपचारिकता दिखाई| पूरे भाषण में जोश के इन्तजार में लगभग 20 मिनट निपट गए| भाजपा के पेटेंट नारे “जय श्री राम” की आवाज जनता वरुण गाँधी के मुह से सुनना चाहती थी मगर उसकी पहली आवाज भी मंच के नीचे जनता से आई| जनता से रिश्ता जोड़ने और पीलीभीत में उनके जनता से रिश्तो की महत्ता में सर्वाधिक समय वरुण गाँधी ने खर्च कर दिया| राष्ट्रीय छवि की खातिर केंद्र की सरकार की नाकामियों या कांग्रेस के खिलाफ वरुण गाँधी का भाषण नदारद रहा| जनता में चर्चा दिखी कि राजनीति के जिस खानदान से वरुण ताल्लुक रखते है उनमे वरुण की दादी के भाषण देने की कला को अभी तक कोई शख्स आगे नहीं बढ़ा सका है| वरुण ने बताया कि उनके पिता कोई भौतिक सम्पद्दा भले ही न छोड़ गए हो मगर आज उन्हें जब ये सुनने को मिलता है कि “आज अगर संजय गाँधी जिन्दा होते तो देश की तस्वीर कुछ और होती” तो लगता है कि मेरे पिता दुनिया की सबसे बरही पूँजी मेरे लिए छोड़ गए है| भाषण में कुल मिलाकर जो निचोड़ पार्टी के संगठन के लिए निकला उससे लगा कि वे भाजपा के सगठन सिस्टम से भी कुछ खास इत्तफाक नहीं रखते| कुल मिलाकर बिगड़ी लय और कमजोर पिटे मुद्दों के भाषण ने जनता को निराश ही किया|
Majar-Sunil-Dwivedi-Farrukh
इसके मुकाबले मेजर सुनील का भाषण काफी दमदार दिखा| चुटकलों और कविता की पंक्तियों के साथ जनता तक अपनी बात पहुचने में मेजर ने कार्यकर्ताओ में जोश भरा| मेजर के भाषण के दौरान 6 बार ताली बजी जबकि ये मौका वरुण को केवल दो बार मिला| हालाँकि मेजर के भाषण में दो दिन पहले राहुल गाँधी के अमेठी दौरे पर प्रदेश सरकार के खिलाफ हुए भाषण का प्रतिबिम्ब नजर आया| मेजर ने जनता से पूछा कि सपा ने बड़े बड़े वादे किये थे क्या पूरे हुए? सभा में आई मौजूद जनता बोली- नहीं| जनता से पूछा लेपटाप मिला, जनता बोली नहीं मिला| मगर मेजर ने अपनी खनकती आवाज और शब्द जाल से जनता को खूब जोड़ा| लयवद्ध भाषण में जनता की नब्ज के साथ महगाई और केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार पर भी मेजर बोल कर बाजी मार ले गए|

हालाँकि वरुण ने भाषण शुरू करने से पहले ही मजाकिया अंदाज में अपना भाषण चोरी करने का आरोप मेजर पर लगाया| मगर फिर भी दिल्ली में रहकर राजनीति करने वाले से जनता ज्यादा की उम्मीद करती है मगर वरुण ऐसा कोई करिश्माई भाषण नहीं दे सके| कुल मिलाकर मोदी की तरह खुद को गूगल पर टीआरपी बटोरने की चाह रखने वाले वरुण को अभी बहुत तजुर्बे की जरुरत है|