कांग्रेस और सपा का सियासी हनीमून अब लगभग खत्म हो गया है। उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार से नौ महीने तक मधुर रिश्ते बनाने के बाद अब कांग्रेस हाईकमान ने यूपी कांग्रेस समेत तमाम नेताओं को आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के निर्देश दे दिए हैं।
अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे के दौरान अखिलेश राज पर सवाल उठाकर राहुल ने इसका ट्रेलर दिखा दिया है। राहुल ने लोकसभा चुनाव में सपा को मात देने के लिए सभी जोनल अध्यक्षों को अगले तीन महीने में कानून-व्यवस्था और युवाओं को रोजगार के मुद्दे पर जिला स्तर पर सम्मेलन करने के निर्देश दिए हैं।
यूपीए सरकार को कठिन परिस्थितियों में सहारा देकर संभालने वाली सपा के खिलाफ अब कांग्रेस नरम नहीं दिखना चाहती। लिहाजा पार्टी हाईकमान की ओर से यूपीए सरकार के सभी महकमों को उत्तर प्रदेश से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं का ब्योरा संगठन को उपलब्ध कराने को कहा गया है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार से इस सिलसिले में जवाब-तलब करने को कहा गया है। प्रदेश से जुड़े केंद्रीय मंत्रियों और सरकार में बड़े पदों पर बैठे नेताओं को भी सपा सरकार के खिलाफ सख्त रूप अपनाने को कहा गया है। अब तक सपा के खिलाफ कांग्रेस का कोई भी नेता बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
वहीं केंद्र सरकार सपा सरकार को आर्थिक मदद देने के लिए खजाने खोलने को तैयार थी, लेकिन अब अखिलेश सरकार से सवाल-जवाब शुरू हो गए हैं। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश तो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत प्रदेश में सड़कों का निर्माण नहीं होने पर पहले ही जवाब-तलब शुरू कर चुके हैं।
‘अखिलेश यादव की सरकार में दागी मंत्रियों की भरमार है। जिस सरकार में मंत्री बनने का मानदंड ही दागदार हो वह कानून-व्यवस्था क्या सुधारेंगी।’
– राशिद अल्वी, कांग्रेस प्रवक्ता
‘यूपी में जो अधिकारी दागियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, उन्हें ईनाम देने की बजाय सजा दी जा रही है और जो दागी हैं उन्हें कैबिनेट में शामिल किया जा रहा है। कांग्रेस सपा सरकार के खिलाफ इसे चुनावी मुद्दा बनाएगी।’
– पीएल पुनिया, अध्यक्ष-राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग