फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्त लगभग आधा सैकड़ा फर्जी शिक्षकों का गिरोह सरकारी खजाने पर लगातार डाका डाल रहा है। आरटीआई एक्टिविस्ट व शिक्षक आनंद प्रकाश वर्मा लगातार फर्जी शिक्षकों के विरुद्व अभियान छेड़े हुए थे। इसके विपरीत बेसिक शिक्षा विभाग फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त करना तो दूर इनके विरुद्व प्राप्त शिकायतों और सूचना के अधिकार के अन्तर्गत दिये गये आवेदनों तक को दाबे बैठे रहता है। इसी के चलते गुरुवार को फर्जी शिक्षकों के गिरोह की साजिशों का आनंद प्रकाश शिकार हो गये।
विदित है कि बीटीसी 2004 से लेकर अब तक हुई विशिष्ट बीटीसी की विभिन्न भर्तियों के दौरान लगभग आधा सैकड़ा फर्जी शिक्षक जाली प्रमाणपत्रों और बेसिक शिक्षा विभाग की मिली भगत से तैनाती पा गये। इनके विरुद्व आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद प्रकाश लगातार सूचना के अधिकार के अन्तर्गत सूचनायें मांगकर अभियान छेड़े हुए थे। उनके इस अभियान को गति देना तो दूर उल्टे बेसिक शिक्षा विभाग सूचनाओं को देने में लगातार हीलाहवाली करता रहा। जिसके चलते पहले एडी बेसिक और फिर राज्य सूचना आयोग तक में आनंद प्रकाश ने अपीलें दाखिल की थीं। इनमें से कई मामलों में आगामी 8 फरवरी को सुनवाई की तिथि भी निर्धारित थी।
यही कारण है कि राज्य सूचना आयोग में सुनवाई से ठीक एक दिन पूर्व आनंद प्रकाश वर्मा की दिन दहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी।