फर्रुखाबाद: बीते 9 वर्षों से समाधि लेकर माघ माह में कई दिनों तक ध्यान लगाने वाले बाबा रामभक्तदास को इस बार न्यायिक व प्रशासनिक कानूनों के दावपेंच में पड़ना पड़ गया। बाबा ने इस बार जो जगह समाधि लगाने के लिए तैयार की थी उसे पुलिस ने बंद करा दिया। बाबा ने पुलिस के इस कृत्य पर घोर निंदा व्यक्त करते हुए बुधवार को अनशन पर बैठने की चेतावनी दी।
रामभक्तदास 9 वर्षों से लगातार समाधि लेने को लेकर चर्चा में रहे हैं। जिसको लेकर भक्तों की खासी भीड़ भी इस दौरान उनके दर्शन के लिए उमड़ना शुरू हुई थी। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष जिलाधिकारी के आदेश का पालन करते हुए समाधि लेने के लिए तो पहले से ही रोक लगी थी। वहीं बाबा ने पिछले वर्षों में जिस जगह पर समाधि ली थी उस जगह पर इस बार समाधि न लेकर उससे हटकर दूसरी जगह पर समाधि लेने के लिए गड्ढा खुदवाया था। बीती रात प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पहुंची मऊदरवाजा थाना पुलिस ने बाबा की समाधि का गड्ढा बंद करा दिया। जिससे बाबा की समाधि इस बार नई मुसीबत में पड़ गयी है। जिस जगह पर बाबा ने समाधि ली है वह जगह विवादित बतायी जा रही है। बाबा का विवाद अढ़तियान निवासी कांग्रेस नेता राधारमण अग्रवाल के साथ बीते एक वर्ष से चल रहा था। बाबा का कहना है कि कुछ दिनों पूर्व उन्हें अदालत से बीते नवम्बर को उनके पक्ष में फैसला मिल गया था।
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पूर्व में लगने वाली समाधि स्थल पर इस बार कीड़े मकोड़े अधिक होने की बजह से समाधि दूसरी जगह लगायी गयी थी, लेकिन पुलिस ने जिस तरह से समाधि स्थल तोड़ा वह निंदनीय है। बाबा का कहा कि प्रशासन उनकी तपस्या में विघ्न डाल रहा है। वर्षों से वह समाधि न लेकर समाधि लेने का अभ्यास कर रहे थे। यह अभ्यास तकरीबन 20 वर्षों में पूर्ण हो पाता है जिसके बाद वह पूर्ण रूप से समाधि ले सकता है।
इस बार समाधि के लिए बाबा अभ्यास नहीं वल्कि न्याय के लिए अनशन पर बैठने के लिए तैयार हैं। बाबा ने ऐलान कर दिया कि बुधवार को वह दो बजे अनशन पर बैठ जायेंगे।
इस सम्बंध में राधा रमण अग्रवाल ने बताया कि वह जमीन उनकी पैत्रक है। बाबा उस पर कब्जा करने की फिराक में हैं। इसी बजह से बाबा उस जमीन पर समाधि ले रहे हैं। मेरा मुकदमा उनके साथ चल रहा है। डीएम ने उस जमीन पर स्टे भी जारी किया था, जिसकी एक कापी थानाध्यक्ष को दे दी गयी व एक कापी बाबा को उपलब्ध करायी गयी है। राधारमण ने आज ही विसरातों पर बैठकर अनशन शुरू करने की भी बात कही।
वहीं थानाध्यक्ष मऊदरवाजा हरपाल सिंह यादव ने बताया कि राधारमण अग्रवाल के द्वारा उस जमीन पर स्टे लिया हुआ है जिसकी कापी उनके पास है। जमीन पर स्टे होने की बजह से बाबा को वहां समाधि स्थल को बंद किया गया है।