फर्रुखाबाद: बीते 31 जनवरी की रात कमालगंज क्षेत्र के महरूपुर रावी निवासी सूदखोर रामशंकर के घर लूट व उसकी हत्या करने के मामले में पुलिस ने सोमवार को चार आरोपियों का चालान कर दिया। खुलासे से दो दिन पूर्व ही पुलिस ने सर्वेश के घर से गहने बरामद कर लिये थे।
पुलिस द्वारा रामशंकर हत्याकाण्ड व लूट के खुलासे को लेकर बीते दिनों से जो धरपकड़ चल रही थी वह किसी से छिपी नहीं है। टाडा बहरामपुर जैसा नजारा एक बार फिर कमालगंज क्षेत्र वासियों के जेहन में कौंधा था। जिसका जीता जागता उदाहरण कमालगंज थानाध्यक्ष नन्हेंलाल यादव द्वारा देखने को मिला। उन्होंने बगैर किसी अधिकारिक आदेश के सैय्यद के घर मे घुसकर परिजनों के साथ जमकर मारपीट व लूटपाट की। बाद में पुलिस को विधायक की घुड़की के सामने मुहं की खानी पड़ी।
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पुलिस ने मृतक के भतीजे सर्वेश लोधी को उसी दिन हिरासत में ले लिया था जब यह घटना घटी। तबसे पुलिस उससे बराबर पूछताछ कर रही थी। बढ़ते दबाव के चलते पुलिस अपना आपा खोने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी। खुलासे की जल्दी में पुलिस ने कई गैर कानूनी कदम भी उठा डाले। जिसमें सैय्यद के घर घुसकर मारपीट व लूटपाट का आरोप भी पुलिस पर लग गया।
सूत्रों की मानें तो पुलिस ने घटना के खुलासे के दो दिन पूर्व ही पांच पुलिसकर्मियों के साथ सर्वेश की निशानदेही पर महरूपुर रावी स्थित उसके घर के अंदर चूल्हे के निकट दबे हुए गहने बरामद कर लिये। सर्वेश के अनुसार घटना के बाद जुबैर ने उसे बचा हुआ उसके हिस्से का माल दिया था। जो उसने वहां छुपाया था। सर्वैश कुछ माह पूर्व अपने चाचा के साथ हुए विवाद में खुद अपने पेट में गोली मारकर चाचा को फंसाने का षडयंत्र रच चुका था। परंतु बाद में मामले में समझौता हो गया था। गोली लगने से सर्वेश के पेट में अभी भी जख्म है।
अपराधियों को महंगा पड़ा डाली को छोड़ना
सनसनीखेज हुई इस घटना ने जहां पूरे पुलिस महकमे की नींव हिला दी, पुलिस तफ्तीश में जुटी थी, घटना के दिन ही डोली ने वयान तो कई बार बदले लेकिन एक जगह उसने पुलिस को अपराधियों की गिनती व उनके कुछ हुलिया बता दिये। जो अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे ले जाने के लिए काफी थे। डोली को जिंदा छोड़ना अपराधी का उससे आपसी ताल मेल रहा हो या उसकी भूल। फिलहाल चारो आरोपियों की इस भूल ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।