UPTET शिक्षक भर्ती में फर्जी आवेदनों की भरमार

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उत्‍तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए विभिन्‍न जिलों से जारी हो रही मेरिट लिस्ट में 100 फीसदी अंक पाने वालों की भरमार है। यकीन करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन मेरिट लिस्ट में कई ऐसे आवेदक भी शामिल हैं जिन्होंने हाई स्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड समेत सभी कोर्सों में 100 फीसदी अंक पाए हैं।

उदाहरण के लिए स‌ीतापुर जिले से सामान्य वर्ग के लिए जारी मेरिट में दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्‍थान पर रहे आवेदकों के लाब्धांकों का योग 100 है। दूसरे स्‍थान पर रहे विनोद कुमार ने हाई स्कूल में 600 में 600, इंटर में 500 में 500, स्नातक में 1800 में 1800 और बीएड में 800 में 800 अंक प्राप्त किए हैं। [bannergarden id=”8″]

सीतापुर की‌ लिस्ट में ही पहले पायदान पर आईं ममतेश कुमारी के लाब्धांकों का योग 2971.28 है यानी उन्होंने 100 फीसदी से भी अधिक नंबर प्राप्त किए हैं। अब तक जितने जिलों की मेरिट जारी हुई, उनमें इसी प्रकार की अनेक गड़बड़ियां पाई जा रही हैं। अब यह कम्यूटर की चूक है या आवेदकों का फर्जीवाड़ा यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन इससे कटऑफ जरूर आसमान पर पहुंच गया है। कटऑफ देखकर उन आवेदकों की उम्‍मीद टूटती नजर आ रही हैं, जो मेरिट में निचले पायदान पर हैं।

ऊंचा कटऑफ देखकर आवेदकों की टूटीं उम्‍मीदें
शिक्षक भर्ती का कटऑफ इतना ऊंचा है कि औसत अंक पाने वाले अभ्यर्थी तो उम्मीदे ही छोड़ चुके हैं। कटऑफ में सामान्य वर्ग के उन्हीं आवेदकों को जगहे मिली है जो 65 फीसदी से अधिक अंकों में पास हुए हैं। अब तक जारी हुए कटऑफ में तो सहारनपुर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यहां कम से कम 71.70 प्रतिशत अंक पाने वालों को ही मौका मिलेगा, जबकि अधिकतम कटऑफ 96.42 प्रतिशत है।

अब तक जारी कटऑफ में 65 फीसदी से कम अंक पाने वाले सामान्य वर्ग के किसी आवेदक को मौका नहीं मिलेगा। अधिक सीटों वाले जिलों में मेरिट भी काफी अधिक गई। सीतापुर में 6400 पद और मेरिट न्यूनतम 70.43 प्रतिशत।

मतलब साफ कि हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड को जोड़कर यदि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के 70.43 प्रतिशत से कम अंक होंगे तो वह शिक्षक बनने से वंचित हो जाएगा। यह तो सर्वाधिक सीट वाले जिले का हाल है। लखनऊ जैसे कम 12 पद वाले जिले में सामान्य वर्ग की मेरिट 85.58 प्रतिशत गई है, यानी इससे कम अंक वालों का पत्ता साफ।

मेरिट लिस्ट की ‌अनियमितताओं के संबंध में जब बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरिट में जो भी नाम गलत हैं या फिर पूर्णांक व प्राप्तांक एक समान हैं उनका नाम काउंसलिंग के समय हटा दिया जाएगा और इसके बाद वालों को मौका मिल जाएगा।