लखनऊ: करोड़ों रुपये के लैकफेड घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री बादशाह सिंह की दूसरी जमानत अर्जी सत्र न्यायाधीश केके शर्मा ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि अन्य अभियुक्तों की मदद से अपराध किया गया है। हालांकि इस स्तर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि बादशाह सिंह ने कब एवं कैसे अपने सुरक्षाकर्मियों को अपने साथ मिला लिया। यह तथ्य बादशाह सिंह के अलावा अन्य कोई नहीं बता सकता है।
एसआइबी ने मांगी पूर्व मंत्रियों की जानकारी
लैकफेड घोटाले की जांच कर रही एसआइबी ने प्रमुख सचिव विधानसभा को पत्र लिखकर पूर्व सरकार के मंत्री रंगनाथ मिश्र, चंद्र देव राम यादव व बादशाह सिंह के बारे में जानकारी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई दो फरवरी को है। [bannergarden id=”8″]
बसपा सरकार के पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र, चंद्र देव राम यादव व बादशाह सिंह के बारे में एसआइबी छानबीन कर रही है। एसआइबी ने प्रमुख सचिव विधानसभा से यह जानकारी मांगी है कि तीनों पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल से किस वजह से हटाया गया था। गौरतलब है कि लैकफेड घोटाला मामले में बादशाह सिंह जेल में जबकि रंगनाथ मिश्र व चंद्रदेव ने समर्पण कर दिया था। बाद में अंतरिम जमानत दे दी गई थी।