फर्रुखाबाद : गंगा तट घटियाघाट पर कल्पवासियों ने एक सप्ताह पूर्व डेरा जमा लिया था। वहीं रविवार को पौष पूर्णिमा पर अधिकांश कल्पवासी ट्रैक्टरों ट्रालियों में लकड़ियां भरकर गंगा तट पर पहुंच गये। मौसम साफ होने व तेज धूप में कल्पवासियों ने पहले ही दिन गंगा स्नान का जमकर लुत्फ उठाया। रामनगरिया मेले में प्रशासन की तरफ से भी कल्पवासियों को बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराने की कोशिश की गयी है। इस बार कल्पवासियों को मुफ्त में बिजली भी मुहैया करायी गयी है।
हिंदू धर्म शास्त्रों एवं पुराणों के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा से माघ मास की पूर्णिमा तक माघ मास में पवित्र नदी नर्मदा, गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी सहित अन्य जीवनदायनी नदियों में स्नान करने से मनुष्य को पापों से छुटकारा मिल जाता है और स्वर्गलोकारोहण का मार्ग खुल जाता है। आरम्भिक कालों से ही गंगा या किसी बहते जल में प्रातःकाल माघ मास में स्नान करना प्रशंसित रहा है। सर्वोत्तम काल वह है जब नक्षत्र अब भी दीख पड़ रहे हों, उसके उपरान्त वह काल अच्छा है जब तारे दिखाई पड़ रहे हों किन्तु अभी वास्तव में दिखाई नहीं पड़ा हो, जब सूर्योदय हो जाता है तो वह काल स्नान के लिए अच्छा काल नहीं कहा जाता है। मास के स्नान का आरम्भ पौष शुक्ल 11 या पौष पूर्णिमा (पूर्णिमान्त गणना के अनुसार) से हो जाना चाहिए और व्रत (एक मास का) माघ शुक्ल 12 या पूर्णिमा को समाप्त हो जाना चाहिए; कुछ लोग इसे सौर गणना से संयुज्य कर देते हैं और व्यवस्था देते हैं कि वह स्नान जो माघ में प्रातःकाल उस समय किया जाता है, जबकि सूर्य मकर राशि में हो, पापियों को स्वर्गलोक में भेजता है। [bannergarden id=”8″]
घटियाघाट गंगा तट पर एक माह तक प्रवास करके गंगा स्नान करने क्षेत्र से ही नहीं आस पास के अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालु आते हैं। इस वर्ष भी पिछले दो सप्ताह पूर्व से ही गंगा भक्त तट पर अपना डेरा जमाने आने लगे थे। रविवार को अधिकांश गंगा भक्तों ने ट्रैक्टर ट्रालियों में राशन व लकड़ियां इत्यादि भरकर गंगा तट पर डेरा जमा लिया। इस बार इलाहाबाद कुम्भ मेला पड़ने की बजह से गंगा तट पर कुछ ज्यादा ही भीड़ होने की संभावना जतायी जा रही है। रविवार को पौष पूर्णिमा व माघ के पवित्र स्नान के पहले दिन लोगों ने तेज धूप में गंगा स्नान का आनंद लिया।