फर्रुखाबाद: 26 जनवरी को ध्वजा रोहण के लिए झण्डा लगाते समय जिस पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़िया का छज्जा गिरने से आधा दर्जन बच्चे घायल हुए, उसके भवन निर्माण प्रभारी का नाम प्रदीप सेंगर है। प्रदीप सेंगर जो कथित रूप से कमालगंज ब्लाक का क्रीड़ा प्रभारी भी है, ने जनपद में कई अन्य भवन व चहारदीवारियां भी बनवाई हैं। प्रदीप सिंह सेंगर द्वारा बढ़पुर विकास क्षेत्र के तीन प्राथमिक विद्यालयों की निर्माण करायी गयी चाहर दीवारी जगह जगह चटक गयी है और क्षतिग्रस्त हो गयी हैं।
विकास क्षेत्र बढ़पुर के तत्कालीन खण्ड शिक्षा अधिकारी रामगोपाल वर्मा के सहपाठी रहे प्रदीप सिंह सेंगर सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय अदिउली को वर्ष 2010-11 में प्राथमिक विद्यालय अदिउली की 115 मीटर चाहरदीवारी, प्राथमिक विद्यालय शमशेर नगर की 100 मीटर एवं प्राथमिक विद्यालय कुइयां बूट की 100 मीटर चाहरदीवारी निर्माण के लिए भवन प्रभारी नियुक्त किया था। विशेष बात यह है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी ने इन तीनो विद्यालयों की वास्तविक चाहरदीवारी से अधिक नाप देकर अधिक धनराशि भिजवा दी थी। भवन प्रभारी प्रदीप सिंह सेंगर ने इन तीनो विद्यालयों की चाहरदीवारी निर्माण में अमानक भवन निर्माण सामग्री का प्रयोग किया। चाहरदीवारी की नींव कम भरी तथा चाहरदीवारी निर्माण में घटिया ईंट व बालू की अधिक मात्रा वाले मसाले का प्रयोग कर चिनाई कराने तथा प्लास्टर में भी अधिक बालू लगाने से चाहरदीवारी जगह जगह चटक गयी है। चाहरदीवारी के साथ लगाये गये गेट उखड़ गये हैं तथा नदारद हैं।
प्राथमिक विद्यालय शमशेर नगर की निर्मित चाहरदीवारी के जगह जगह से चटकने व प्लास्टर के क्षतिग्रस्त होने तथा गेट उखड़ जाने की शिकायत ग्राम प्रधान दारा सिंह व प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय शमशेर नगर मधू शर्मा ने की है। वास्तविक लम्बाई से चाहर दीवारी की धनराशि अधिक भेजे जाने व निर्माणाधीन चाहरदीवारी की नाप अब इन तीनो प्राथमिक विद्यालयों की भी स्थलीय जांच तकनीकी अवर अभियंताओं से की जानी चाहिए। तभी चाहरदीवारी निर्माण की गुणवत्ता व चाहर दीवारी निर्माण में हुए धनराशि के बंदर बांट की हकीकत सामने आ जायेगी।
विदित है कि विगत वर्ष जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता सुनील कुमार आर्या ने प्रदीप सेंगर को कमालगंज विकास क्षेत्र का फर्जी क्रीड़ा प्रभारी बताते हुए उसे हटाये जाने के सम्बंध में जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा था। प्रदीप सेंगर के विरुद्व भवन निर्माण, पुस्तकों व यूनीफार्म की खरीद आदि में खुलेआम वसूली करने के आरोप लगाये गये थे। पत्र की प्रति पुलिस अधीक्षक को भी दी गयी थी। जिसमें उनसे प्रदीप सेंगर के विरुद्व किसी निष्पक्ष अधिकारी से जांच कराने का अनुरोध किया गया था। सुनीला आर्या ने अपने पत्र में उनको फोन पर धमकी दिये जाने का भी उल्लेख किया है।
श्री आर्या ने बताया कि उन्होंने फोन पर धमकी दिये जाने के सम्बंध में पुलिस अधीक्षक से व्यक्तिगत रूप से भेंट कर इसकी शिकायत भी की थी।