फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बनवाये जा रहे नव निर्मित भूकम्परोधी भवनों को प्रदेश के होमगार्ड व पीआरडी मंत्री ने भूकम्प सहायक बताया है। उन्होंने कहा कि नव निर्मित भवनों में गुणवत्ता नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है, यही कारण है कि आये दिन दुर्घटनायें घटित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जनपद में नान टेक्निकल लोग स्कूल भवनों का निर्माण करवा रहे हैं।
बढ़पुर ब्लाक के ग्राम गढ़िया में गणतंत्र दिवस की खुशियां मनाते समय गिरे नव निर्मित भवन के छज्जे से घायल छात्रों को देखने पहुंचे होमगार्ड एवं पीआरडी मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि जनपद में जो भी स्कूली भवन बनाये जा रहे हैं वह नान टेक्निकल लोग बनाते हैं। मानक के अनुसार मैटेरियल प्रयोग नहीं किया जाता व सरिया का भी कम उपयोग होता है। विद्यालय भवन में प्रयोग की जाने वाली ईंट बिलकुल बेकार की है।
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पत्रकारों द्वारा भूकम्प निरोधक भवनों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि भवन प्रभारी द्वारा गढ़िया में बनवाया गया भवन तो भूकम्परोधी नहीं भूकम्प सहायक लग रहा है। उन्होंने कहा कि भवन प्रभारी तो इसी जुगत में रहते हैं कि विद्यालय भवन को जल्दी गिर जाये तो दोबारा बनाया जाये और धन्धा फिर चालू हो।
उन्होंने भूकम्प विरोधी प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारियों पर भी कार्यवाही करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भवन प्रभारियों को भूकम्परोधी इमारत बनने का प्रमाणपत्र अधिकारी देते हैं, अगर प्रमाणपत्र देने के बाद भी भवन भूकम्परोधी नहीं है तो ऐसे अधिकारियों के विरुद्व कार्यवाही की जाये। जनपद में नान टेक्नीकल आदमी बनाते विद्यालय भवन। उन्होने पुराने स्कूलों का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले के स्कूल बने हैं वह आज भी ईंट पर प्लास्टर न होने के बाद भी चमकते हैं। लेकिन नये स्कूलों में प्लास्टर होने के बाद भी वह बात नहीं है। स्कूल निर्माण में गुणवत्ता नहीं रही।
इसके साथ ही मंत्री जी ने सड़क निर्माण पर भी तीखा प्रहार करते हुए अपनी विधानसभा क्षेत्र अमृतपुर की सड़क निर्माण में घटिया सामग्री लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जल्द ही बनायी गयी सड़क दूसरे महीने ही खत्म हो गयी। मरम्मत के बाद भी सड़क सही नहीं हुई।