प्रेम प्रसंग में गोली मारकर की गयी थी लापता युवक की हत्या

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फर्रुखाबाद: पड़ोसी जनपद कन्नौज के छिबरामऊ के ग्राम मेदपुर निवासी ज्ञान सिंह पुत्र छोटेलाल कठेरिया बीते 3 जनवरी को लापता हो गये थे। जिनका शव नबावगंज थाना क्षेत्र के बराकेशव के एक पशु चिकित्सालय के टैंक में मिला था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। जिसमें ज्ञान सिंह की मौत गोली लगने से होने की पुष्टि हुई।

विदित है कि बीते तीन जनवरी को थाना छिबरामऊ क्षेत्र के ग्राम मेदपुर निवासी प्रधान आशादेवी पत्नी चमन सिंह कठेरिया का देवर ज्ञान सिंह बीते तीन जनवरी को घर से ब्लाक किसी काम से गया था शाम तकरीबन पौने पांच बजे घर वापस आ गया। जहां से वह सब्जी लेने की बात कहकर बाजार चला गया और फिर लौटकर नहीं आया और फिर ज्ञान सिंह का फोन आया कि वह भुइयां छिबरामऊ निवासी अपनी बहन मुन्नीदेवी पत्नी ग्रीश के घर जा रहा है। चार जनवरी को उसके भाई चमन बाबू ने जब ज्ञान सिंह के फोन पर सम्पर्क किया तो उसका फोन स्विचआफ मिला। जानकारी करने पर उसके बहनोई ने बताया कि ग्रीश वहां नहीं पहुंचा है। इसके बाद परिजनों ने 6 जनवरी को थाना छिबरामऊ में गुमशुदगी दर्ज करायी। इसके बाद पुलिस ने ज्ञान सिंह के सम्पर्की लोगों के नम्बर सर्विलांस पर लगवा दिये। यहीं से ज्ञान सिंह का सुराग पुलिस को लग गया। पुलिस ने गांव की ही एक महिला संजो प्रजापति को सर्विलांस से मिली लोकेशन के आधार पर धर दबोचा और उसकी निशानदेही पर थाना नबावगंज क्षेत्र के ग्राम बराकेशव के सरकारी पशु चिकित्सालय में बनी पानी की टंकी में शव होने की बात कही। छिबरामऊ पुलिस ने शव को पशु चिकित्सालय की टंकी से बरामद कर लिया व थाना नबावगंज के एस आई गोविंद ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया।

पोस्टमार्टम डा0 अनुज त्रिपाठी ने किया। जिसमें ज्ञान सिंह के मरने की बजह सिर में गोली लगना बताया गया है। हत्या का समय भी तकरीबन 15 दिन से अधिक का हो चुका है। फिलहाल छिबरामऊ पुलिस ने सज्जो प्रजापति व उसके एक कथित प्रेमी बंटू को हिरासत में ले लिया है।

दवा दिलवाने की आड़ में सज्जो ने रचा था हत्या का षड्यंत्र
जानकारी के मुताबिक सज्जो प्रजापति ज्ञान सिंह के साथ यह कहकर निकली थी कि उसकी ननद की तबियत खराब है वह उसको देखकर दवा दिलवायेगी। सज्जो ज्ञान सिंह की बाइक संख्या यूपी 74जे 1146 पर उसके साथ बैठकर निकल गयी। जिसके बाद ज्ञान सिहं लापता हो गया। बराकेशव में सज्जो के नन्दोई रहते हैं। जहां पहुंचकर ज्ञान सिंह की हत्या हुई। सज्जो के बंटू नामक एक व्यक्ति के साथ नाजायज ताल्लुकात बताये गये हैं। इसके बाद ज्ञान सिंह के साथ भी सज्जो के सम्बंध हो गये थे। ज्ञान सिंह की पत्नी 14 साल पहले आपसी विवाद के चलते उसे छोड़कर चली गयी थी। तब से ज्ञान सिंह अकेला ही रहता था व घर में पूजा पाठ इत्यादि भी करता था। ज्ञान सिंह के पांच भाई है। जिनमें सबसे बड़ा रामसेवक, दूसरा चमन बाबू, साहब सिंह, ज्ञान सिंह व राजबीर थे। जिसमें ज्ञान सिंह ही अकेला रहता था। बाकी सभी भाइयों के विवाह भी हो चुके थे। 22 हजार रुपये व बाइक गायब होना भी सज्जो व बंटू पर शक करने पर पुलिस को मजबूर कर रहा है। जिसके चलते पुलिस ने दोनो को हिरासत में ले लिया है।  सूत्रों के मुताबिक बंटू को ज्ञान सिंह फूटी आंखों नहीं भा रहा था , क्योंकि बंटू का सज्जो के साथ पहले से ही प्रेम प्रसंग चल रहा था।

थानाध्यक्ष नबावगंज राघवन सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव को छिबरामऊ भेज दिया गया है। जहां आरोपियों पर मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है।