मर्दों की राय: बलात्‍कार की बढ़ती घटनाओं के पीछे, महिलाओं के छोटे होते कपड़े

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फर्रुखाबाद दिल्‍ली में दामिनी के साथ हुए रेप कांड के बाद बड़े पेपाने पर हुए आंदोलनों के बावजूद आये दिन हो रही बलात्‍कार की घटनाओं और देश भर में इस मुद्दे पर छिड़ी बहस के मद्देनजर हमने अपने शहर के कुछ नामचीन पुरुषों से इस विषय पर उनकी राय जानने का प्रयास किया तो किसी ने इसका कारण महिलाओं के छोटे होते कपड़ों को इसकी वजह बताया, तो किसी ने इसका ठीकरा मोबाइल-इंटरनेट के सर फोड़ा, तो वहीं कुछ ने इसके लिये बालीवुड को जिम्‍मेदार ठहरा दिया।

देश में बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए शहर के समाजसेवी संगठनों के सदस्यों के अलावा व्यापार मण्डल नेता ने भी चिंता जाहिर की। जिसमें व्यापार मण्डल के वयोवृद्व नेता अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ ने अपने ब्‍यान में कहा कि देश में बलात्कार की घटनाओं के बढ़ने की एक्‍ मुख्य बजह युवतियों द्वारा भड़काऊ वेश भूषा है, जो बलात्कार की घटनाओं को जन्म देती है।

बलात्कार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए व्यापार मण्डल के प्रदेश मंत्री अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ ने कहा कि देश की भारतीयता पर आधुनिकता हावी है। उन्होंने कहा कि इस आधुनिकता के चलते देश की युवतियों ने मर्यादा को दरकिनार कर भड़काऊ कपड़े पहनने शुरू कर दिये हैं। लड़कियों की इन वेश भूषाओं की बजह से ही बलात्कार जैसी घटनाओं का जन्म होता है। उन्होंने यह भी कहा कि बलात्कारियों के लिए देश में सख्त कानून नहीं है। यह भी एक बजह है कि बलात्कार करने से पूर्व व्यक्ति यह सोच लेता है कि घटना के बाद वह किसी तरह से कानून से तो बच ही जायेगा। उन्होंने कहा कि बलात्कारियों के लिए देश में कड़े कानून होने चाहिए।

वहीं भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष व अपटेक कम्प्यूटर के संचालक शैलेन्द्र दुबे ने भी बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोत्तरी पर चिंता व्यक्त की व देश में बलात्कारियों के कानून पर निंदा। उन्होंने कहा कि देश में युवतियों के परिधानों में सलवार सूट की जगह जींस टॉप ने ले ली, जो इस तरह की घटनाओं की मुख्य बजह है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कपड़ों को पहनने पर रोक लगनी चाहिए तभी बलात्कार की घटनाओं पर कुछ हद तक शिकंजा कसा जा सकता है।

भारतीय जनता पार्टी व्यापार मण्डल के अध्यक्ष संजय गर्ग ने भी शैलेन्द्र दुबे व अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ की बात का समर्थन करते हुए कहा कि युवतियों द्वारा जो कपड़े आजकल पहनने जा रहे हैं उनसे अश्लीलता झलकती है। परिजनों को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही कपड़े पहनायें।

वहीं इस सम्बंध में लायन्स क्लब के पूर्व अध्यक्ष जिला उद्योग व्यापार मण्डल कंछल गुट के उपाध्यक्ष व मदर प्राइड स्कूल के प्रबंधक सरदार गुरुविंदर सिंह (विक्की) ने भी देश में बढ़ रहीं बलात्कार की घटनाओं की घोर निंदा की। उन्होंने कहा कि बच्चों के दिमाग में अश्लीलता भरने का मुख्य कारण घरों में धड़ल्ले से चल रहीं अश्लील फिल्में हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में चैनल बालीवुड की ऐसी ऐसी फिल्में लेकर आता है जो परिवार के साथ नहीं देखी जा सकतीं। जिन्हें बच्चे देखते हैं तो उनके अंदर गलत भावना पैदा होती है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के दौर में फैशन जरूरी है। लेकिन फैशन में अंग प्रदर्शन बिलकुल नहीं होना चाहिए। अभिभावकों को भी इस तरह के टीवी प्रोग्रामों को देखने में घर पर पाबंदी लगानी होगी।

संस्कार भारती के उपाध्यक्ष निमिष टण्डन ने भी बलात्कार की घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि युवतियां कालेज हो या घर, गांव हो या बाजार हर जगह आधुनिक पोशाकों में ही दिखायी पड़तीं हैं। परम्परागत पोशाक का तो चलन ही खत्म होता जा रहा है। जब तक युवतियों की भड़काऊ पोषाक पर रोक नहीं लगेगी तब तक बलात्कार जैसी घटनाओं को कम करना बहुत ही मुस्किल काम है।

शहर कांग्रेस कमेटी के नगर अध्यक्ष पूर्ण प्रकाश ‘‘पुन्नी शुक्ला’’  ने भी बलात्कार की घटनाओं की घोर आलोचना की और उन्होंने कहा कि मोबाइल एक मुख्य बजह है जिससे बलात्कार जैसी घटनाओं को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि अक्सर सड़क पर छात्राओं के अलावा अन्य युवतियों को मोबाइल से बात करते हुए देखा जा सकता है। प्रश्न इस बात का उठता है कि रास्ता चलते युवतियां किससे बात करतीं हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को इस पर पाबंदी लगानी चाहिए। युवतियां घर से ही बात करें, विद्यालय अथवा रास्ते में मोबाइल पर बात करना भी उन्हें शक की नजर से देखने पर विवश करता है।

वहीं केन्द्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के प्रतिनिधि अनिल मिश्रा ने भी बलात्कार की घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश में आधुनिकता के आगे धर्म से लोगों की आस्था उठ गयी है। धर्म से आस्था उठने का मतलब लोगों को समाज का भय नहीं रह गया है। जो बहुत ही चिंता का विषय है। समाज को चाहिए कि वह आधुनिकता के आगे धर्म को न भूले और धर्म अगर याद रहेगा तो समाज का भय भी लोगों को बना रहेगा और लोग बलात्कार जैसी घिनौनी घटनायें करने से पहले समाज के विषय में सोचने पर मजबूर होंगे। उन्होंने बलात्कार करने वालों के लिए कठोर कानून बनाये जाने की भी बात कही।

इस सम्बंध में अमेठी निवासी पंजाब बैंक के रिटायर्ड बैंक मैनेजर राधा मोहन दीक्षित का कहना है कि भड़काऊ कपड़ों से ज्यादा असर पड़ता है। अगर इस तरह के कपड़े लड़कियां पहनती हैं तो युवाओ का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित होता है। अगर लड़किया सलवार सूट पहनकर दुपट्टा डालकर चलें तो उनकी तरफ लोग कम आकर्षित होंगे। लड़कियां आजकल बहुत कम कपड़े पहनने लगीं हैं व शरीर का प्रदर्शन करतीं हैं। जो बलात्कार जैसी घटनाओ को बढ़ावा देना है।