फर्रुखाबाद: बीते 25 दिसम्बर की शाम कमालगंज स्टेशन पर एसएसबी जवानों की मैग्जीन इत्यादि बरामद होने के बाद मचे हड़कंप ने मथुरा से लखनऊ तक रेलवे ट्रेक को छावनी में तब्दील कर दिया था। मामले की जांच एसओ जीआरपी फर्रुखाबाद को दी गयी थी। पूछताछ में आखिर एसएसबी जवानों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और कहा कि उन्होंने नशे की हालत में अपने साथी जवानों के असलहे व सामान फेका था।
कमालगंज स्टेशन पर मिले मैग्जीन व एसएसबी जवानों के जैकिट इत्यादि ने पुलिस प्रशासन के अलावा जीआरपी व एसएसबी को हिलाकर रख दिया था। इसके बाद कई टुकड़ियों में अन्य गायब असलहों की तलाश में पुलिस जीआरपी व एस एस बी की टीमें गठित की गयीं। आगरा की जीआरपी एसओजी ने भी क्षेत्र में कांबिंग की। एक तरफ अर्द्धसैनिक बल व पुलिस की संयुक्त टीमें गुम हुए असलहों को ढूंढने में लगी रही तो उधर लखनऊ से जांच जीआरपी फर्रुखाबाद को सौंप दी गयी। जहां शक के घेरे में आयी कंपनी को भी पूछताछ के लिए गुरुवार को ही बुला लिया गया था। पूछताछ के दौरान एस एस बी जवान सूर्यकुमार व रत्नाकर ने शिकंजा कसने के बाद आखिर सच बोलने पर मजबूर हो गये। दोनो जवानों ने कबूला कि उन्होंने शराब के नशे में अपने साथी जवानों के असलहे व सामान कायमगंज व कमालगंज के बीच फेंके थे।
जीआरपी थानाध्यक्ष विनोद मिश्रा ने इस सम्बंध में जेएनआई को बताया कि विवेचना में दोषी पाये गये दोनो जवानों सूर्य कुमार व रत्नाकर के गुनाह कबूलने के बाद अब उनकी गिरफ्तारी के लिए एस एस बी कामांडर आर एस नेगी को पत्र लिखकर दोनो दोषी जवानों की गिरफ्तारी की स्वीकृति मिलने की बात कही गयी है। कमांडेट की स्वीकृति मिलते ही आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
नरथर स्टेशन पर मिले एक राइफल व पांच मैग्जीन
एस एस बी व जीआरपी की कांबिंग के चलते एक और सफलता हाथ लगी। जहां कासगंज क्षेत्र के नरथर स्टेशन के निकट एक राइफल व पांच मैग्जीन बरामद की सूचना प्राप्त हुई है। बचे हुए सामान व चार असलहे अभी तक बरामद नहीं हुए हैं। जिनकी खोजवीन की जा रही है। अगले दिन खोजी कुत्ते लखीमपुर खीरी से बुलाकर जांच कार्रवाई की जायेगी।