चालान जमा न होने से आक्रोषित शिक्षक अभ्यर्थियों ने लगाया जाम

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फर्रुखाबाद: कड़ाके की ठंड और घने कोहरे में सुबह से ही लाइन में लगे अभ्यर्थियों का जब फार्म जमा करने का नम्बर आया तब तक बैंक ने अपना मुख्य द्वार बंद कर ताला डाल दिया। जिस बात से आक्रोषित अभ्यर्थियों ने सोमवार शाम को रेलवे रोड पर जाम लगा दिया और जमकर नारेबाजी की। अभ्यर्थियों ने बैंक कर्मचारियों पर अपने शुभचिंतकों के फार्म जमा कर धांधली का आरोप लगाया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची।

प्रदेश सरकार द्वारा 72 हजार शिक्षकों की भर्ती में अलग अलग जनपदों में अलग अलग चालान के माध्यम से फीस जमा करने की बाध्यता के चलते स्टेट बैंक शाखाओं में इस समय सुबह चार बजे से रात तक अभ्यर्थियों की लम्बी लम्बी लाइनें लगी रहतीं हैं। 20 से 40 जनपदों में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी खुद व परिजनों सहित लाइनों अधिक से अधिक चालान फीस जमा करने को प्रयासरत रहते हैं। बीते 7 दिसम्बर से अब तक बैंकों में लाइनें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। फीस जमा होने की अंतिम तिथि 28 दिसम्बर होने से अभ्यर्थियों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। कुछ अभ्यर्थियों ने अब तक पांच से 10 जनपदों के लिए ही चालान जमा कर पाये हैं। जिससे वह अब अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित दिखायी दे रहे हैं। अभ्यर्थियों का मानना है कि यदि उन्होंने मन मुताबिक जनपदों में आवेदन नहीं कर पाया तो शायद उनकी नियुक्ति लटक जायेगी और कम मैरिट वाले मैदान मार ले जायेंगे।

सोमवार को जैसे ही बैंक खुली तो अगले दिन छुट्टी होने व उसके बाद अंतिम तिथि 28 तक मात्र तीन दिन शेष रहने से अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। शाम 6 बजे स्टेट बैंक की मुख्य शाखा रेलवे रोड के बाहर सैकड़ों की भीड़ लाइनों में लगी थी। स्टेट बैंक कर्मचारियों ने बैंक का मुख्य द्वार जैसे ही बंद किया तो सुबह से अपनी बारी के इंतजार में लाइनों में लगे अभ्यर्थी आक्रोषित हो गये और स्टेट बैंक के बाहर रेलवे रोड पर बैठकर जाम लगा दिया। जिससे सड़क के दोनो तरफ वाहनों व अन्य गुजरने वाले लोगों की लम्बी लम्बी लाइनें लग गयीं। अभ्यर्थियों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की और बैंक प्रशासन पर समानता का व्यवहार न करने का आरोप लगाया।

अभ्यर्थी योगेश पाल निवासी घोड़ा नखास, प्रदीप तिवारी हरसिंहपुर, मयंक तिवारी भोलेपुर आदि ने आरोप लगाया कि बैंक कर्मचारी धीमी गति से कार्य कर रहे हैं। जिससे वह सुबह आठ बजे से लाइन में लगे होने के बाद जब नम्बर आया तो बैंक के क्लोज होने का समय हो गया और बैंक ने अपने दरबाजे बंद कर लिये। जाम की सूचना मिलने पर दरोगा केसी द्विवेदी मौके पर पहुंचे और छात्रों से बातचीत की। इस दौरान शिक्षक अभ्यर्थियों की दरोगा से नोकझोंक भी हुई। जिसके बाद दरोगा ने जैसे तैसे मामले को शांत कर जाम खुलवा दिया। जिसके बाद आक्रोषित अभ्यर्थी अपने घरों को हताश होकर लौट गये।

इस सम्बंध में बैंक के कार्यवाहक मैनेजर विजय अग्रवाल ने बताया कि चालान फार्म पर हेल्पलाइन नम्बर दिया गया है। जिससे अभ्यर्थी को असुविधा होने पर उन नम्बरों पर सम्पर्क कर सकता है। छात्रों द्वारा धंाधली का आरोप लगाना बेबुनियाद है।