फर्रुखाबाद: पंचायत राज व्यवस्था को लागू करते समय सोचा यह गया था कि स्थानीय नागरिक जब अपनी सबसे छोटी पंचायत ‘ग्राम पंचायत’ में काम काज स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराये जायेंगे तो भ्रष्टाचार पर शायद अंकुश लग सकेगा। परंतु ऐसा हो नहीं सका। भ्रष्टाचार रुका तो नहीं, हां उसका विकेंद्रीकरण अवश्य हो गया। जौ पैसा पहले अधिकारी खा जाते थे, उसमें ग्राम प्रधान की हिस्सेदारी हो गयी। विकास खंड बढ़पुर के ग्राम याकूतगंज में 12वें वित्त आयोग से मिली धनराशि से खड़ंजा निर्माण के नाम पर पुराने खड़ंजे को ही उखाड़कर उसमें निकली पुरानी र्इंटों से ही नया खड़ंजा विछा दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने प्रकरण की जांच के लिये कमेटी बना दी है।
जिला मुख्यालय की सीमा से सटे ग्राम याकूतगंज के विषय में मिली शिकायत के अनुसार ग्राम पंचायत को 12वें वित्त आयोग से मिली धनराशि से ग्राम पंचायत के लगभग एक दर्जन मार्गों पर खड़ंजा निर्माण का कार्य किया जाना था। ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की मिलीभगत से पुराने खड़ंजे उखाड़ कर उससे निकली पुरानी र्इंटों से ही नया खड़ंजा बिछा दिया गया, और नयी ईंटों का भुगतान निकाल कर उसकी बंदरबांट करली गयी।
मुख्य विकास अधिकारी आईपी पाण्डेय ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश कर दिये हैं। जांच के लिये उपनिदेशक कृषिप्रसार एके सिंह की अध्यक्षता में जांच कमेटी बना दी गयी है। जांच समिति में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के सहायक अभियंता केएल चौरसिया व लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता सुमित डंग को सदस्य नामित किया गया है। उपनिदेशक कृषि प्रसार एके सिंह ने बताया कि जांच के लिये तीन दिन का समय दिया गया है। रिपो र्ट शीघ्र प्रस्तुत कर दी जायेगी। ग्राम प्रधान सुधीर कटियार ने बातया कि खड़जे मानक के अनुरूप बने हैं। खड़ंजों की जांच लेखपाल रामनरेशा यादव द्वारा की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि थोड़ी बहुत पुरानी अच्छी र्इंट भी लग गयी हो परंतु इसके अलावा कोई अनियमितता नहीं बरती गयी है।