फर्रुखाबाद: विगत दो दिनों से पांच वर्षीय बालिका शिखा से बलात्कार का आरोप एक पड़ोसी युवक अनस पर लगाये जाने के बाद से ही शहर में अनेक हिंदूवादी संगठन सक्रिय थे। दूसरी ओर युवक के परिजन मामले को नगर पालिका चुनाव में हारी एक सभासद प्रत्याशी के पुत्र की शह पर युवक को झूठा फंसाये जाने के आरोप लगाये जा रहे थे। दोनों ओर से धरना प्रदर्शन व ज्ञापनों का सिलसिला जारी था। शुक्रवार को पुलिस ने युवक को जेल भेज दिया था। देर शाम पुलिस ने चिकित्सीय रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है। पुलिस के अनुसार रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं की गयी है।
विदित है कि बीते रविवार की शाम मां बाप की गैर मौजूदगी में मासूम शिखा के साथ उसके ही पड़ोसी अनस द्वारा बलात्कार किये जाने की शिकायत लेकर बालिका के परिजन बुधवार को प्रात: कोतवाली पहुंचे थे। परिजनों के साथ उनकी पैरवी में पहुंचे सफाई कर्मचारी नेता हरिओम बाल्मिकि की सक्रियता को लेकर आरोपी के परिजनों इसे चुनावी रंजिश बताते हुए मामले को झूठा बताया था। परंतु दिल्ली में दो दिन पूर्व ही बस में हुए सामूहिक बलात्कार कांड व हिंदूवादी संगठनों के दबाव मे पुलिस ने मुकदमा लिखकर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया था। बालिका का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया, एंव स्लाइड को जांच के लिये कन्नौज भेज दिया गया था। दूसरे दिन गुरुवार को भी भाजपा नेताओं ने कोतवाली के सामने धरना प्रदर्शन किया था। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने युवक को जेल भेज दिया था। दूसरी ओर आरोपी के समर्थन में अल्पसंख्यकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी से भेंट कर युवक को चुनावी रंजिश में झूठा फंसाये जाने की बात कह कर पुलिस के हिंदूवादी संगठनों के दबाव में काम करने की शिकायत की थी। घटना के तीन दिन बाद तक बालिका द्वारा किसी प्रकार की शिकायत न किया जाने को भी संदेहास्पद बताया गया।
प्रकरण का दारोमदार बालिका की मेडिकल रिपोर्ट पर टिका था। शुक्रवार देर शाम कोतवाली फर्रुखाबाद के एसएसआई बिग्गन सिंह ने बताया कि कन्नौज से बालिका की मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है।