बैंकों में चालान जमा करने को सुबह 4 बजे से ही लग रहीं टीईटी अभ्यर्थियों की लाइनें

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फर्रुखाबाद : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को चलान शुल्क जमा करने के लिए दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। चालान फीस जमा करने के लिए अभ्यर्थी सुबह 4 बजे से ही स्टेट बैंक की शाखाओ में लम्बी लम्बी लाइनों में खड़े हो जाते हैं। पूरे दिन चालान जमा करने के इंतजार में भूखे प्यासे गुजारने के बाद अभ्यर्थी घरों को लौट जाते हैं। एक अभ्यर्थी से मात्र दो से पांच चालान एक बार में जमा करने की बाध्यता से अब अभ्यर्थी अपने परिजनों को भी लाइनों में लगा रहे हैं। जिससे भीड़ और भी बढ़ रही है। प्रति दिन बैंकों में अभर्थियों व बैंक सुरक्षा गार्डो के बीच मारपीट की घटनायें भी सामने आ रहीं हैं।

शहर में रेलवे रोड पर स्थित मुख्य एसबीआइ की शाखा बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का हुजूम उमड़ रहा है। इससे चालान प्रक्रिया में अच्छा-खासा समय लग रहा है। मालूम हो कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में होने वाली 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के बाबत गत सात दिसंबर को निकले विज्ञापन के बाद से ही अभ्यर्थी एसबीआइ की शाखा में कतार लगाने पहुंच जा रहे हैं। अब तक लगभग 20 हजार से अधिक अभ्यर्थी अपना चालान जमा कर चुके हैं। चालान जमा करने की सीमित अवधि व बैंक में अतिरिक्त काउंटर न लगने से अभ्यर्थियों को बैंक से लेकर बाहर बाजार तक कतार लगानी पड़ रही है। इससे मुख्य मार्ग पर आवागमन प्रभावित हो रहा है।

अभ्यर्थियों की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सुबह चार बजे से ही रेलवे रोड स्टेट बैंक में लोग लाइन लगाए बैंक खुलने का इंतजार करते रहे। अभ्यर्थियों का धैर्य इंतजार करते-करते अब जवाब देता नजर आ रहा है। यही बजह है कि अभ्यर्थी चालान जमा करने के चक्कर में आपस में भिड़ रहे हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैंक शाखा पर तैनात पुलिस कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

यही हाल जनपद की एसबीआई की अन्य शाखाओ में हैं। जहां पर सुबह ४ बजे से ही अभ्यर्थी लाइनें लगाकर खड़े हो जाते हैं और बैंक खुलने का इंतजार करते हैं। लेकिन बैंककर्मियों के समय में प्रशासन की तरफ से टीईटी अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सुबह १० बजे का समय होने के बाद भी बैंक कर्मचारी अपने पुराने ढर्रे पर साढ़े दस व ११ बजे से काम शुरू कर रहे हैं। जिससे भी टीईटी अभ्यर्थियों को लम्बे इंतजार के साथ ही भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।